ज़्यूरिख। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) ने भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को इस आरोप के साथ मंगलवार को निलंबित कर दिया कि वह तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव में काम कर रहा है।
फीफा ने यहां जारी बयान में कहा कि फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति एआईएफएफ को तीसरे पक्ष के अनुचित दबाव के तहत काम करने के आरोपों के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है। एआईएफएफ का यह कदम फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
फीफा ने बयान में कहा है कि प्रशासनिक समिति गठित करने के आदेश के निरस्त होने और एआईएफएफ के दैनिक मामले एआईएफएफ प्रशासन के नियंत्रण में आने के बाद निलंबन हटा लिया जाएगा।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने मई 2022 में एआईएफएफ के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को हटाकर एक प्रशासनिक समिति का गठन करते हुए जल्द से जल्द महासंघ के चुनाव कराने का आदेश दिया था।
इस निलंबन का अर्थ है कि अक्टूबर 2022 में भारत में होने वाला फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 फिलहाल भारत में आयोजित नहीं होगा। फीफा फिलहाल टूर्नामेंट के संबंध में अगला कदम उठाने पर विचार कर रहा है और आवश्यकता पड़ने पर परिषद के ब्यूरो से परामर्श करेगा।
फीफा ने यह भी कहा कि वह भारत के युवा मामले और खेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में है और उसे उम्मीद है कि मामले का सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकता है।
फीफा का निलंबन का निर्णय आश्चर्यजनक
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की प्रशासनिक समिति (सीओए) ने मंगलवार को फीफा द्वारा एआईएफएफ को निलंबित करने के फैसले पर आश्चर्य और निराशा व्यक्त की।
समिति ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार फीफा, एशियाई फुटबॉल महासंघ (एएफसी), एआईएफएफ, सीओए और खेल मंत्रालय के बीच बीते कुछ दिनों से गहन बातचीत चल रही थी, और ऐसे में फीफा का यह निर्णय आश्चर्यजनक है।
सीओए ने कहा कि जबकि सीओए माननीय उच्चतम न्यायालय के तीन अगस्त को पारित किए गए फैसले को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध था, वह सभी हितधारकों से लगातार संपर्क में भी था।