सेंट पीटर्सबर्ग। डिफेंडर सैमुअल उमिति के 51वें मिनट में हैडर से किये शानदार गोल के दम पर फ्रांस ने बेल्जियम की कड़ी चुनौती पर मंगलवार को 1-0 से काबू पाते हुए फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया।
उमिति इस सेमीफाइनल के मैन ऑफ द मैच रहे। डिडियर डीशैंप्स की टीम फ्रांस का फाइनल में इंग्लैंड और क्रोएशिया के बीच दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से मुकाबला होगा जबकि बेल्जियम की टीम तीसरे स्थान के लिए खेलेगी।
छठी बार विश्वकप का सेमीफाइनल खेल रहे फ्रांस का यह तीसरा फाइनल है। वह 1998 और 2006 में फाइनल में पहुंचा था और 1998 में विजेता बना था। फ्रांस विश्व कप के इतिहास में छठी ऐसी टीम बन गया है जिसने तीन बार फाइनल में जगह बनाई है। जर्मनी आठ, ब्राजील छह, इटली छह, अर्जेंटीना पांच और हॉलैंड तीन बार फाइनल में पहुंचे हैं।
धड़कनों को तेज करने वाले विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में फ्रांस को हालांकि एक गोल से जीत मिली लेकिन 1998 में अपनी मेजबानी में चैंपियन रही फ्रांस की टीम बेल्जियम से बेहतर साबित हुई। बेल्जियम ने मौके जरूर बनाए लेकिन गोल के सामने उसकी फिनिशिंग कमजोर साबित हुई और उसके हाथ से मौके छिटकते रहे।
पहला हाफ गोल रहित रहने के बाद 51वें मिनट में एंटोयन ग्रिजमैन के शानदार कार्नर पर डिफेंडर उमिति ने हवा में उछलते हुए जो हैडर लगाया वह गोलकीपर तिबौत कोर्टियस को छकाता हुआ गोल में समा गया। फ्रांस ने इस एक गोल की बढ़त को अंत तक बचाये रखा और 2006 के बाद पहली बार फाइनल में स्थान बना लिया।
1986 के बाद से अपना दूसरा सेमीफाइनल खेल रहे बेल्जियम का इस हार के साथ पहली बार फाइनल में जाने का सपना टूट गया। इस टूर्नामेंट में अंतिम चार में पहुंचने तक शानदार प्रदर्शन करने वाले बेल्जियम को कई मौके गंवाने का अफ़सोस जरूर रहेगा जिससे उसके हाथ से इतिहास बनाने का मौका निकल गया।
बेल्जियम ने दूसरे हाफ में अपने खेल में सुधार किया लेकिन 65वें मिनट मारौन फेलिनी का हैडर गोल के पास से निकल गया। बेल्जियम ने टूर्नामेंट में पिछले पांच मैचों में 14 बार गेंद को गोल में पहुंचाया था लेकिन सेमीफाइनल में उसके खिलाड़ियों से एक बार भी गेंद गोल में नहीं पहुंच पाई।
मैच के दूसरे हाफ के शुरू में बढ़त बनाने के बाद फ्रांस ने अपने डिफेन्स को मजबूत करते हुए बेल्जियम के एडेन हेजार्ड और केविन डी ब्र्यून के खतरे को काबू रखा। बेल्जियम के फ़ॉरवर्डों को काबू में रखना ही फ्रांस की जीत का मूलमंत्र रहा।
फ्रांस की 1998 की विश्व चैंपियन टीम के कप्तान रहे और यूरो 2016 के भी कोच डीशैंप्स ने मैच के बाद कहा कि हमने मैच में मानसिक मजबूती दिखाई जो इस तरह के मुकाबले के लिए बहुत जरूरी थी। हमने अपने डिफेंस पर काफी मेहनत की हालांकि हमें अपने जवाबी हमलों में फायदा उठाने की कोशिश करनी होगी लेकिन मैं अपने सभी खिलाड़ियों और स्टाफ को बधाई देना चाहता हूं।
बेल्जियम के कोच रॉबर्टो मार्टिनेज अपनी टीम के एक निश्चित गोल को चूकने से बेहद निराश नजर आये। मार्टिनेज ने कहा कि दुर्भाग्य से मैच में सबसे बड़ा अंतर बनाये गए गोल का चूकना रहा। मुकाबला बेहद नजदीकी था और इसका फैसला गोल के सामने थोड़े भाग्य की कमी से हो गया।
बेल्जियम ने शुरुआत में पकड़ बनायी लेकिन फ्रांस ने अपने मौकों का इन्तजार किया।पॉल पोग्बा ने लम्बी गेंद किलियन एमबापे को दी जो तेजी से बॉक्स की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन बेल्जियम के गोलकीपर कोर्टियस ने आगे आते हुए गेंद को अपने कब्जे में कर लिया।
मैच के 16वें मिनट में डी ब्र्यून ने गेंद हेजार्ड को दी लेकिन उनका शॉट पोस्ट के पास से निकल गया। कुछ मिनट बाद हेजार्ड ने बाएं छोर से जोरदार ड्राइव लगाया जो राफेल वराने की पीठ से लगता हुआ पोस्ट के ऊपर से चला गया।
फ्रांस ने भी मौके बनाये। ओलिवियर गिरौड का हैडर वाइड रहा जबकि एमबापे ने बेंजामिन पवार्ड के लिए मौका बनाया लेकिन उनका नीचे शॉट गोलकीपर के पैर से टकरा गया। पहला हाफ दिलचस्प रहा लेकिन कोई गोल नहीं हुआ। उमिति ने दूसरे हाफ में इस गतिरोध को तोड़ा।
बेल्जियम की बराबरी हासिल करने की उम्मीदें हर मिनट गुजरने के साथ टूटती रहीं और फ्रांस ने छह मिनट का खतरनाक इंजरी समय भी निकालकर 12 साल बाद फाइनल में जगह बना ली।
दोनों के बीच यह 74 वां मुकाबला था जिसमें फ्रांस 25वीं बार जीत गया है।
बेल्जियम को इससे पहले 1986 के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के साथ राबर्टाे मार्टिनेज़ की टीम का 23 मैचों से अपराजित रहने का क्रम टूट गया। इससे पहले उसकी आखिरी हार यूरो 2016 में वेल्स के हाथों क्वार्टरफाइनल में थी लेकिन यह हार बेल्जियम के लिए ज्यादा दिल तोड़ने वाली रही।