मॉस्को| रूस की राजधानी मॉस्को के लुज़निकी स्टेडियम में करीब एक महीने पहले शुरू हुआ 21वां फीफा विश्वकप रविवार को इसी मैदान पर क्रोएशिया और फ्रांस के बीच अंतिम खिताबी मुकाबले के साथ संपन्न हो जाएगा जहां भले ही ‘ताज’ किसी एक टीम के सिर सजेगा लेकिन विजेता केवल दुनिया का सबसे बड़ा खेल ‘फुटबाल’ ही बनेगा।
मात्र 40 लाख की आबादी वाले क्रोएशिया ने अपनी काबिलियत को साबित कर बड़े बड़ों को फुटबाल विश्वकप में पानी पिलाया तो फ्रांस ने खिताब के दावेदार के रूप में न गिने जाने के बावजूद फाइनल तक अपनी राह तय की है। फ्रांसीसी टीम जहां तीसरी बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने के अपने अनुभव का फायदा उठायेगी तो वहीं क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंचने से अपने ऊंचे आत्मविश्वास और क्षमता की बदौलत ‘गोल्डन ट्रॉफी’ तक पहुंचने की कोशिश करेगा।
रूस में आयोजित हुये फुटबाल विश्वकप का यह आखिरी मुकाबला होगा जिसके लिये दुनियाभर में खासा उत्साह है, इसी के साथ 21वां विश्वकप अपने नये चैंपियन के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा।
80 हजार दर्शक क्षमता वाले लुजनिकी स्टेडियम में होने वाले विश्वकप फाइनल में फ्रांस और क्रोएशिया दाेनों ही खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरेंगी। फ्रांस तीसरी बार विश्वकप फाइनल में पहुंचा है, वह आखिरी बार अपने घरेलू मैदान पर 1998 में चैंपियन बना था जबकि इटली से 2006 में वह फाइनल में हार गया था।
दूसरी ओर क्रोएशियाई टीम पहली बार फाइनल में पहुंची है। वर्ष 1998 में यूगोस्लाविया से अलग होने के बाद वह फुटबाल विश्वकप में पहली बार खेलने उतरी थी और सेमीफाइनल तक पहुंची, लेकिन बाद में विजेता बने फ्रांस से 1-2 से हारकर बाहर हो गयी थी। यह दिलचस्प है कि क्रोएशिया इस बार फ्रांस से ही फाइनल में भिड़ने जा रही है।