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मां के सशक्त किरदार से जबरदस्त सहराना मिलती है फिल्मो में
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मां के सशक्त किरदार से जबरदस्त सहराना मिलती है फिल्मो में

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मां के सशक्त किरदार से जबरदस्त सहराना मिलती है फिल्मो में
मां के सशक्त किरदार से जबरदस्त सहराना मिलती है फिल्मो में
मां के सशक्त किरदार से जबरदस्त सहराना मिलती है फिल्मो में
मां के सशक्त किरदार से जबरदस्त सहराना मिलती है फिल्मो में

मुंबई | बॉलीवुड के फिल्मकारों ने मां के सशक्त किरदार को अपनी फिल्मों में बखूबी तरीके से पेश किया है और कई बार ऐसा भी हुआ है कि मां के सशक्त किरदार से ही फिल्में दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रही हैं।

सिल्वर स्क्रीन पर मां का किरदार निभाने वाली अभिनेत्रियों में सबसे पहला नाम जो जेहन में आता है वो है निरूपा राय का। निरूपा राय ने कई फिल्मों में मां के सशक्त किरदार को रूपहले पर्दे पर शानदार तरीके से पेश किया है। वर्ष 1955 में ‘मुनीम जी’ और वर्ष 1961 में फिल्म ‘छाया’ में मां के प्रभावशाली किरदार को रूपहले पर्दे पर जीवंत करने के लिये निरूपा राय को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘दीवार’ में निरूपा राय ने अच्छाई और बुराई का प्रतिनिधित्व करने वाले शशि कपूर और अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई थी।

इस फिल्म में निरूपा राय ने मां के किरदार को इतनी शिद्दत के साथ निभाया कि लोग निरूपा राय को अमिताभ बच्चन की फिल्मी मां के नाम से जानने लगे। इसके बाद निरूपा राय ने खून पसीना,मुकद्दर का सिकंदर,अमर अकबर एंथनी,सुहाग,इंकलाब,गिरफ्तार,मर्द और गंगा जमुना सरस्वती जैसी कई फिल्मों में अमिताभ की मां की भूमिका निभायी। कौन भूल सकता है वर्ष 1957 में प्रदर्शित फिल्म मदर इंडिया में नरगिस की भूमिका को। इस फिल्म में नरगिस ने सुनील दत्त और राजेन्द्र कुमार की मां की भूमिका को जीवंत किया था। इस फिल्म में नरगिस ने एक ऐसी मां का किरदार निभाया जो अपने पुत्र के अन्याय करने पर उसे जान से मारने से भी नहीं हिचकती है। इस फिल्म में नरगिस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।