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Finally Justice happened with Lakharam Dewasi in ladoodevi murder case - Sabguru News
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हत्या के आरोप से ढाई साल बाद बरी होगा बेगुनाह लखमाराम,

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हत्या के आरोप से ढाई साल बाद बरी होगा बेगुनाह लखमाराम,
रंग लाए विधायक संयम लोढ़ा के प्रयास, ढाई साल बाद रिहा होगा बेगुनाह लखमाराम।
रंग लाए विधायक संयम लोढ़ा के प्रयास, ढाई साल बाद रिहा होगा बेगुनाह लखमाराम।
रंग लाए विधायक संयम लोढ़ा के प्रयास, ढाई साल बाद रिहा होगा बेगुनाह लखमाराम।

सिरोही। बरलूट थाने के झाडोलीवीर गांव में करीब ढाई साल पहले वृद्धा लाडूदेवी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए गांव के ही युवक लखमाराम देवासी को रिहा करने के लिए बरलूट पुलिस ने मंलवार को सिरोही जीजेएम कोर्ट में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया।

बरलूट थानाधिकारी ने इस प्रकरण में विभिन्न स्तर पर हुई जांचों का विवरण शामिल करते हुए दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए लखमाराम को सीआरपीसी धारा 159 में रिहा करने का अनुरोध किया है।

इस प्रकरण में स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा के अनुरोध पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जांच एसओजी को सौंपी थी। एसओजी की जांच के आधार पर लखमाराम को इस प्रकरण में शामिल नहीं मानते हुए उसकी रिहाई की प्रार्थना की गई।
मामला 24 मई, 2018 का है। बरलूट थाने के झाडोलीवीर गांव में एक वृद्धा की हत्या हो गई थी। इसका शव 25 मई को बरामद हुआ था। इसके बाद गांव में  हंगामा मच गया था। इस दौरान जिले में अपराधों की बढ़ोतरी के कारण लोगों में रोष था, ऐसे में धरने प्रदर्शन भी हुए थे। इस प्रकरण में वृद्धा के पुत्र की एफआईआर पर पुलिस ने गांव के ही लखमाराम देवासी को गिरफ्तार किया और 6 जून को उसे जेसी कर दिया गया।
एसपी के आदेश पर 31 जुलाई को जांच डीएसपी विक्रमसिंह को सौंपी। 5 अगस्त 2018 को लखमाराम पुत्र हमीराराम निवासी झाडोली वीर के खिलाफ आरोप प्रमाणित मानते हुए, पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट पेश कर दी। सिरोही जीजीएम कोर्ट में 22 अगस्त 18 को चालान पेश कर दिया गया। इसमें लखमाराम के अलावा अज्ञात आरोपी की तलाशी जारी मानी गई।
उस दौरान संयम लोढ़ा ने इस मामले में इस आरोप में लखमाराम के शामिल नहीं होने की बात उठाई।  तो 24 अक्टूबर 2018 को जोधपुर आईजी के आदेश पर जालौर डीएसपी अमरसिंह चंपावत को फिर जांच सौंपी गई।  फिर 23 फरवरी 19 को जालोर डीएसपी जयदेव सियाग को जांच करते दौरान पाली जिले में गिरफ्तार एक गैंग ने इस हत्या की वारदात को करना कुबूल किया। इसके बाद इसकी कड़ी के रूप में नाणा पुलिस ने सुरमाराम को गिरफ्तार किया। उसने अपने तीन अन्य साथी लालाराम, गेमाराम, चैनाराम, हुसाराम के साथ इस घटना को करना स्वीकार किया।
इस प्रकरण में वांछित लालाराम गेमाराम व सुरमाराम को प्रोडक्शन वारंट पर सीजेएम शिवगंज के सामने अजी पेश कर प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया। उनकी निशानदेही से उस दौरान गायब चांदी के कडले बरामद किए गए। 1 अप्रेल को सुरमाराम को न्यायालय में पेश कर सिरोही जिला कारागृह में जेसी किया गया। लालाराम को 3 अप्रेल को बालोतरा उप कारागृह से तथा गेमाराम को बाली उप कारागृह से 4 अप्रेल को लाकर पूछताछ की गई। 11 अप्रेल को उन्हें न्यायालय में पेश करके सिरोही जेल में जेसी किया गया।
इस प्रकरण के खुलासे और मुख्य आरोपियों के गिरफ्तार होने पर भी लखमाराम आजाद नहीं हुआ था। तब विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री से इसकी जांच एसओजी को सौंपने का अनुरोध किया। 3 मई 2019 को डीजी एटीएस ओर एसओजी राजस्थान के आदेश पर एसओजी अजमेर को इसकी जांच सौंपी गई।
इस पर एसओजी अजमेर के एएसपी गजेनद्रसिंह ने लखमाराम के साथ देखे गए साथियों, मार्बल ठेकेदार आदि से झाडोलीवीर में पूछताछ की।

जांच के बाद सुरमाराम गरासिया, लालाराम गरासिया, गेमाराम गरासिया के खिलाफ जुल्म प्रमाणित पाया गया। प्रकरण में वांछित आरोपी चैनाराम गरासिया को 13 जुलाई 19 को गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि उनके अपने उक्त साथियों के साथ में झाडोलीवीर में लाडूदेवी की हत्या की और लाशको  ओरण में फेंक दी थी।

इसके बाद एसओजी के उप अधीक्षक गुमनाराम ने जांच को आगे बढ़ाया। लखमाराम को उक्त आरोप में शामिल होना नहीं पाया गया। एसओजी की जांच के आधार पर बरलूट थानाधिकारी भंवरलाल ने मंगलवार को सिरोही न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करके लखमाराम के इस आरोप में शामिल नहीं होने और उसे रिहा करने का प्रार्थना पेश किया।