नई दिल्ली। कोरोना की दवा बनाने के योग गुरु बाबा रामदेव के दावे को धोखाघड़ी बताते हुए दिल्ली के रोहणी थाने में प्रथमिकी दर्ज की गईं है।
बाबा के खिलाफ यह प्रथमिकी सामाजिक कार्यकर्ता एवं जन संघर्ष वाहिनी के संयोजक भूपेंद्र सिंह रावत ने दर्ज की है। प्राथमिकी में कहा गया है कि इस दवा को लांच करने से पहले उसका क्लीनिकल परीक्षण जैसे किसी मापदण्ड से नहीं गुजारा गया है जो जनता के साथ छल जालसाजी, धोखा और प्रपंच है।
रावत ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कोविड-19 के कहर से जब देश की जनता जूझ रही है और कोरोना महामारी फैल रही है ऐसे समय में बाबा का दावा इस महामारी से बचाव के नाम पर लोगों को धोखा देकर आर्थिक मुनाफा कमाने की कोशिश भर है।
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के पतंजलि पीठ ने न केवल ऐसी दवा बनाने का दावा किया है बल्कि वह इस दवा को ‘कोरोना किट’ नाम से ऑनलाइन मार्केटिंग भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बाबा के कोरोना वायरस की दवा बनाने का सार्वजनिक रूप से दावा करने के बाद दवा की प्रमाणिकता सिद्ध होने तक उसका प्रचार न करने की चेतावनी दी है लेकिन उसके विपणन पर रोक नहीं लगाई है।