अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के भिवाड़ी के समीप खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के पास अवैध रूप से चल रही एक पटाखा फैक्ट्री में आज शाम आग लग गई, जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। लगातार धमाकें होने से आस पास कारखानों में दशहत का माहौल हो गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पटाखों में लगी आग से उस इमारत का एक हिस्सा भी ढह गया। सूचना के बाद मौके पर दमकल गाड़ियां एवं पुलिस पहुंची और आग पर काबू पाने के प्रयास किए गए। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग से कोई जनहानि की सूचना नहीं है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में कारखाने के मालिक का पता नहीं चला है।
थाना प्रभारी महेन्द्रसिंह राठी ने बताया कि सूचना मिली थी कि खुशखेडा में एक फैक्ट्री में पटाखे बनाने का काम चल रहा था कि वहां अचानक आग लग गई। आग की सूचना पाकर दमकल की गाड़ियां और पुलिस मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास किए गए।
प्रारंभ में तो कारखानें के अन्दर कुछ मजदूराें के फंसे होने की आशंका थी लेकिन आग बुझने के बाद फैक्ट्री की छानबीन की गई तो जनहानि की आशंका निराधार साबित हुई। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। आग बुझाने के लिए आस पास की कई दमकलें बुलाई गई और करीब 20 फेरे लगाकर चक्कर गाड़ियाें ने पानी डाला। एहतियातन पुलिस ने आस पास के इलाकों को खाली करा दिया गया था।
इस फैक्ट्री में कितने मजदूर काम करते हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार खुशखेडा सहित आस पास के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में किसी तरह की पटाखों की फैक्ट्री को अनुमति नहीं है लेकिन खुशखेडा में पटाखे बनाने की एक फैक्ट्री संचालित बताई जा रही है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मौके पर मौजूद पुलिस उपाधीक्षक इस मामले की जांच कर रहे हैं कि यह पटाखा बनाने की फैक्ट्री थी या अवैध रूप से पटाखों का भंडारण।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पटाखों की आवाज दूर-दूर तक आ रही थी जिससे माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में यहां पर पटाखे रखे हुए हैं और जो लगातार धमाके कर रहे हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए। पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। आग की घटना के दौरान ही फैक्ट्री के मालिक और मजदूर फरार हो गये हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
इधर, पुलिस उपआधीक्षक ने बताया कि छोटे स्तर पर पटाखें बनाने का काम चल रहा था। बच्चो के चलाने के काम आने वाले पटाखों के दो तीन कार्टूनों में ही आग लगी थी। आग लगने के बाद जो मजदूर काम कर रहे थे वे भाग गए और उनके जूते चप्पल वहीं रहने से ऐसा लगा जैसे कोई जनहानि हुई है।