आज़मगढ़। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के उत्तरी इलाके में घाघरा नदी के किनारे बसे एक गांव में आग लगने से 70 घर और उसमे रखा गृहस्थी का सामान जलकर खाक हो गया वहीं अग्निकांड में जान बचाने के लिए घरों में छुपे दो मासूम की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि जिले के महाराजगंज थाना क्षेत्र के नवबरार देवारा जदीद किताब प्रथम के सात पूरवो में दिन में लगी आग से करीब 70 कच्चे घर जलकर खाक हो गए। कई दर्जन परिवार बेघर हो गए और दो बच्चों के शव जली मंडई के मलबे से बरामद हुए हैं।
देवारा जदीद किताब प्रथम गांव में आग ने जमकर तांडव मचाया। एक छोटी सी बस्ती से निकली आग की चिंगारी ने पूरा समूह खाक कर दिया। आसपास के एक किमी के क्षेत्र के मकानों को अपनी जद में ले लिया।
तेज गर्म हवा व घरों में रखे सिलेंडर व अन्य ज्वलनशील पदार्थों के चलते आग ने कुछ ही देर में इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि देखते-देखते दर्जनों कच्चे मकान और मंडई धू-धू कर जलने लगे। जब तक राहत कार्य शुरू हो पाता तब तक बहुत देर हो चुकी थी और पूरा सामान जलकर खाक हो गया, लोगों की पूरी गृहस्थी उजड़ गई।
कई पालतू जानवर भी इसकी जद में आए हालांकि अभी उसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस दौरान आपाधापी में भाग रहे लोगों ने जब थोड़ी देर बाद आग जलकर शांत हुई तो एक परिवार राकेश राम के दो बच्चे मुस्कान (5) और अवनीश (3) की खोज होने लगी। बताया जा रहा था कि बच्चे जान बचाने के लिए कमरे में ही रह गए थे।
राहत कार्य में देरी को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश था। सूचना पाकर एसडीएम सगड़ी, सीओ तहसील दार, महाराजगंज कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंच गई लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंचने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा क्योंकि यह इलाका ऐसी जगह पर है कि सीधा सपाट रास्ता नहीं है।
पूरा इलाका आजमगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में महिला गढ़वाल बांध से ही उत्तर घागरा के किनारे बसा हुआ है, जिसके कारण यहां पर तत्काल पहुंचना भी प्रशासन के लिए हमेशा चुनौतियों से भरा रहता है। इस मौके पर पहुंचे सपा विधायक नफीस अहमद ने पीड़ित जनों को हर संभव मदद करने का आश्वासन किया।