भिलाई(छत्तीसगढ़)। भारतीय इस्पात प्राधिकरण के भिलाई इस्पात संयंत्र में मंगलवार दोपहर मिथेन गैस की पाइप लाइन में हुए रिसाव फिर हुए विस्फोट से 12 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, हालांकि संयंत्र प्रबंधन ने 10 मौतों की ही पुष्टि की है। घटना में 14 गंभीर रूप से झुलस गए हैं।
संयंत्र के सूत्रों ने बताया कि कोक ओवन में गैस आपूर्ति करने वाली गैस पाइप लाइन में रिसाव होने लगा जब तक इसकी जानकारी सम्बधित अधिकारियों तक पहुंची वहां पर विस्फोट हो गया और आग लग गई। विस्फोट एवं आग की चपेट में आकर 12 कर्मचारियों की मौत हो गई जबकि 14 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। संयंत्र प्रबंधन ने मीडिया से मौतों के बारे में कोई बात नहीं की है और केवल बयान जारी कर 10 मौतों की जानकारी दी है।
गंभीर रूप से झुलसे सभी कर्मचारियों को संयंत्र के सेक्टर नौ स्थित मुख्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। झुलसे 6 कर्मचारियों की हालत काफी नाजुक बताई गई है। डाक्टरों के अनुसार छह कर्मचारी 75 प्रतिशत से अधिक झुलस गए है। गैस के रिसाव को नियंत्रित कर लिए जाने तथा इससे लगी आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है।
मिथेन गैस की आग को बुझाने के लिए खास तौर पर रसायनों का इस्तेमाल किया गया। मौके पर अग्निशमन वाहन भी मौजूद थे पर विशेषज्ञों के अनुसार इस गैस पर काबू के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं होता।
संयंत्र के आला अधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारी मौके पर मौजूद है। संयंत्र के कर्मचारियों एवं कर्मचारी नेताओं ने आशंका जताई है, वहां पर ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे थे और कुछ अन्दर थे, इस कारण में हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। घटना को लेकर संयंत्र कर्मचारियों के साथ उनके परिजनों में काफी आक्रोश है। कुछ कर्मचारियों के गायब होने की भी बात हो रही है।
सूत्रों के अनुसार संयंत्र प्रबन्धन ने मौके पर कार्यरत रहे कर्मचारियों का भी कोई ब्योरा नहीं दिया है। आमतौर इस संयंत्र में जब भी कोई दुर्घटना होती है तो प्रबन्धन की तरफ से चुप्पी साध ली जाती है। बहुत आवश्यक होने पर बयान जारी कर खानापूर्ति कर ली जाती है। संयंत्र के बाहर एवं अस्पताल परिसर के बाहर लोगों की भारी भीड़ मौजूद है। उन्हें नियंत्रित करने के लिए केन्द्रीय बलों के अलावा भारी संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है।
स्थानीय विधायक एवं राज्य के राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल एवं दुर्ग के विधायक अरूण वोरा तथा वैशाली नगर के विधायक विद्यारतन भसीन सहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल जाकर घायलों की स्थिति के बारे में डाक्टरों से जानकारी ली।
इस बीच घटना में छह मृत कर्मचारियों की शिनाख्त कर उनके पार्थिव शरीर उनके घरों को भिजवा दिया गया है। पर कई शव इतने जल चुके हैं कि परिजनों के उन्हें पहचानने में मुश्किल जा रही है।