चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी थाने पर जिले का पहला तीन तलाक का मामला दर्ज हुआ है जिसमें पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
थानाधिकारी सुरेश विश्नोई ने बताया कि गत आठ दिसम्बर को बस्सी के बरकाती मौहल्ला निवासी गोसिया बानू (28) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसके पति सरफराज अहमद ने एक नोटिस भेजकर उसे तीन तलाक का उल्लेख कर तलाक-ए-रजई दे दिया जबकि यह भारत सरकार के मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण विधेयक 2019 के विपरीत है।
प्रार्थिया ने रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि सरफराज से उसका उसका निकाह 29 अप्रेल 2016 को मुस्लिम रीति रिवाज से हुआ था और उससे उसे एक पुत्री भी हुई है लेकिन निकाह के एक साल बाद ही पति एवं ससुर उससे दहेज की मांग करने लगे जिस पर उसने 2018 में दहेज प्रताड़ना का मामला भी दर्ज करवचाया और उसमें इन्होंने जमानत भी करवाई।
कुछ दिन बाद सरफराज, ससुर अबरार अहमद तथा मामा ससुर फहीमुद्दीन उसे समझा बुझाकर फिर से घर ले आए और केस भी उठवा लिया। हाल ही गत दिसम्बर को दिसम्बर को उसकी ननद की शादी के लिए पति सरफराज ने 50 हजार रूपए की मांग की जिसके लिए इंकार करने पर तीनों ने मेरे साथ मारपीट की और धमकी दी कि तेरा अश्लील वीडियो हमारे पास है और अगर पैसे नहीं लाई तो इसे वायारल कर तेरा भविष्य खराब कर देंगे। इसके बाद भी जब मैने अपने पीहर से रूपए नहीं मंगवाए तो मुझे नोटिस भेजकर तलाक दे दिया।
थानाधिकारी विश्नोई ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद प्रथम दृष्टा पति सरफराज को दोषी पाए जाने पर गिरफ्तार कर लिया और जमानत व मुचलके पर छोड़कर पांबंद कर दिया है जबकि जांच होने के बाद अन्य दोनों आरोपियों को भी न्यायालय में उपस्थित होने के लिए पाबंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि तीन तलाक पर कानून बनने के बाद जिले में यह पहला मामला दर्ज हुआ है।