अजमेर। रहमतों और बरकतों का ‘माह-ए-रमजान’ के आगाज के साथ ही शनिवार से पहला रोजा शुरू हो गया।
राजस्थान में अजमेर दरगाह शरीफ के पिछवाड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोपची फोजिया ने 4:31 पर पहले रोजे के लिए सहरी का संकेत देने के लिए तोप दागी। कोरोना संक्रमण लॉकडाउन एवं कर्फ्यू क्षेत्र होने के चलते पूरा दरगाह क्षेत्र जो कि मुस्लिम परिवारों से पटा पड़ा है। घरों पर रहकर ही इबादत में जुट गया। रमजान की रौनक घर की चारदीवारी में सिमट कर रह गई।
मुस्लिम परिवारों में सभी लोग घर पर रहकर ही सरकारी नियमों की पालना के साथ इबादत करेंगे क्योंकि रमजान का पहला अशरा रहमतों का होता है। माना जाता है कि अल्लाह पहले अशरे पर रहमत के दरवाजे खोल देता है।
पंद्रह घंटे भूखे प्यासे रहकर शाम 7:04 पर इफ्तार का परिवारों में ही आयोजन होगा और रोजा खोला जाएगा। अल्लाह की राह में यह क्रम एक महीने तक बदस्तूर जारी रहेगा और तब ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा।
दरगाह कमेटी की ओर से जारी अधिकृत कार्यक्रम के अनुसार कल रविवार को सहरी का समय तड़के 4:30 का रहेगा। इधर, अजमेर में चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार मुसलमानों से कहा गया है कि वे शरीर में पानी की कमी न रहने दें और रोजा खोलते समय पानी वाले खाद्य पदार्थों का ही ज्यादा से ज्यादा सेवन करें तथा गर्मी से बचें।