नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा का पहला सत्र आरंभ होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य सभी मंत्रियों सहित कुल 315 सदस्यों ने सोमवार को सदन की सदस्यता की शपथ ली।
सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही अस्थायी अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने राष्ट्रगान के पश्चात् अपने संबोधन में 17वीं लोकसभा में निर्वाचित सदस्यों का सदन में स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि सदस्य परंपरा के अनुरूप सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन में पीठ की सहायता करेंगे।
इसके पश्चात महासचिव डॉ. स्नेहलता श्रीवास्तव ने निर्वाचन आयोग से प्राप्त नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची सदन के पटल पर रखी। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शपथ ली। इसके बाद सभापति मंडल के सदस्यों -कांग्रेस के कोडिकुनिल सुरेश, बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब तथा भारतीय जनता पार्टी के ब्रजभूषण शरण सिंह ने शपथ ली।
इनके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, डी वी सदानंद गौड़ा, नरेन्द्र सिंह तोमर और रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, रमेश पोखरियाल निशंक और अर्जुन मुंडा ने शपथ ली। स्मृति ईरानी का नाम पुकारे जाने पर प्रधानमंत्री मोदी, शाह समेत सभी सदस्यों ने जोर-जोर से मेजें थपथपाकर प्रसन्नता का इज़हार किया। डॉ. हर्षवर्द्धन ने संस्कृत में शपथ ली।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय, अरविंद गणपत सावंत, गिरिराज सिंह, गजेन्द्र सिंह शेखावत, संतोष गंगवार और अन्य मंत्रियों ने शपथ ली और फिर महासचिव ने अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार राज्यवार सदस्यों के नाम लेकर उन्हें शपथ दिलायी।
शाम छह बजकर आठ मिनट पर कार्यवाही स्थगित होने तक अंग्रेजी वर्णक्रम के अनुसार ओडिशा तक के सांसदों को शपथ दिलाई जा चुकी थी। लोकसभा सचिवालय के अनुसार सोमवार को कुल 315 सदस्यों ने शपथ ग्रहण की। 542 में से 227 सदस्यों को कल शपथ दिलाई जाएगी।
डॉ. हर्षवर्धन और डॉ. निशंक सहित 20 से अधिक सदस्यों ने संस्कृत में शपथ ली। ओडिशा के कालाहांडी से निर्वाचित बसंत कुमार पांडा ने ओडिया भाषा में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम की शपथ ली।
विभिन्न राज्यों के सांसदों ने संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल क्षेत्रीय भाषाओं में शपथ ली। कुछ सदस्यों ने भोजपुरी में भी शपथ लेने का आग्रह किया, लेकिन महासचिव ने कहा कि भोजपुरी आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है, इसलिए भोजपुरी में शपथ नहीं ली जा सकती।
आम चुनाव के दौरान नाथूराम गोडसे के संबंध में दिए गए बयान के कारण भारी विवाद का सामना करने वाली भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को पहले ही दिन उस वक्त विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा जब उन्होंने शपथ लेते वक्त अपने नाम के साथ ‘चिन्मयानंद अवधेशानंद गिरि’ जोड़ा।
विरोध कर रहे सदस्यों का कहना था कि भाजपा सदस्य शपथ संबंधी नियमावली की अनदेखी करके अपनी इच्छा से ‘चिन्मयानंद अवधेशानंद गिरि’ का नाम जोड़ रही हैं। अस्थायी अध्यक्ष को अपनी सीट से खड़ा होना पड़ा। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों को आश्वस्त किया कि वह मामले का संज्ञान लेंगे और जो नाम निर्वाचन प्रमाण पत्र में होगा वहीं रिकॉर्ड में भी जाएगा।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही सदन में सरकार के मंत्री और नवनिर्वाचित सदस्य आ गए थे। जो पहले भी सदस्य रह चुके हैं, वे एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं दे रहे थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी सदन में मौजूद थे। रेल एवं वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, जयशंकर के साथ बैठे थे।
प्रधानमंत्री करीब 10 बजकर 55 मिनट पर सदन में पहुंचे और वे अगली पंक्ति में बैठे सभी नेताओं से मिले। मोदी ने कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी से भी भेंटकर उनकी कुशलक्षेम पूछी।
इस बार अगली सीट का नजारा बदला हुआ था। प्रधानमंत्री के साथ राजनाथ सिंह बैठे थे जबकि उनकी बगल की सीट पर शाह, गडकरी, सदानंद गौड़ा एवं थावरचंद गहलोत बैठे थे। रविशंकर प्रसाद, तोमर, बादल, जावड़ेकर, रामविलास पासवान, अर्जुन मुंडा और शिवसेना के कोटे से मंत्री बने अरविंद सावंत अगली सीट पर बैठे थे।
सावंत के साथ तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय बैठे थे। सोनिया गांधी, द्रमुक के टीआर बालू, ए राजा, दयानिधि मारन, एम कनिमोझी, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और नेशनल काॅन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला अगली पंक्ति में बैठे थे। लोकसभा उपाध्यक्ष एवं विपक्ष के नेता की सीटें खाली रखीं गईं थीं।