मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने पांच साल पुराने साधू हत्या मामले में मां-बेटे समेत पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार सात दिसम्बर 2015 की रात करीब नौ बजे बल्देव इलाके में रनवीर उर्फ राम रमइया बाबा को ग्राम सैतरी घाट निवासी दाऊ अपने साथ कही ले गया था । जब दोनो जा रहे थे तो गांव के राजेश एवं सत्यपाल ने उन्हें देखा था। करीब 47 वर्षीय राम रमइया बाबा गांव सैतरी घाट के चामुण्डा मन्दिर में रहता था। रमइया बाबा 15 साल पहले साधू बन गया था लेकिन वह समय-समय पर अपने परिवार के पास ग्राम सैदपुर भी जाता रहता था ।
कुछ दिन तक वह साधू अपने गांव नहीं गया तो उसका भाई वीरेन्द्र सिंह सैतरी घाट आया और रमइया बाबा के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वह गांव के राजेश और सत्यपाल को लेकर दाऊ के घर गया जहां पर वह तथा उसका भाई पप्पी, श्यामसुन्दर, मां शकुंतला और ताऊ लाल सिंह मौजूद थे। वीरेन्द्र ने जब दाऊ से सख्ती से पूछा और कहा कि गांव के राजेश एवं सत्यपाल ने उसे राम रमइया बाबा को ले जाते देखा है तो उसने स्वीकार किया कि उन लोगों ने उसकी हत्या करके शव को यमुना में फेंक दिया था। बाबा ने दाऊ को अपशब्द कहे थे। इसके बाद वीरेन्द्र ने बल्देव थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने यमुना से बाबा का कंकाल बरामद किया जिसे उसके कपड़ो , मोबाइल फोन आदि से पहचाना गया।
इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सप्तम) पी0 के0 सिंह ने पांच अभियुक्तों दाऊ, पप्पी, श्यामसुन्दर, मां शकुंतला और ताऊ लाल सिंह को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक अभियुक्त पर छह-छह हजार रुपये का जुर्माना अदा करने का भी आदेश दिया। जुर्माना अदा न/न करने पर दो साल तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले की पैरवी
एडीजीसी गोस्वामी ने की।