बेंगलूरु। देश भर के पांच चिकित्सा संस्थानों को अब तक दो से 18 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों पर को-वैक्सिन के क्लिनिकल परीक्षणों के लिए संस्थागत नीति समिति की मंजूरी मिल गई है।
बच्चों के क्लिनिकल परीक्षण में तीन आयु समूहों के कुल 525 बच्चों पर परीक्षण किया जाएगा। जहां बच्चों में टीके की सुरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और प्रतिरक्षण क्षमता का आकलन किया जाएगा।
अमरीका में 12 से 15 आयु वर्ग के 2260 बच्चों को फाइजर के टीके के परीक्षण के लिए पंजीकृत किया गया है। अमरीका और कनाडा में छह माह से 11 साल के बच्चों में से 6750 बच्चों ने मॉडर्ना का टीका लगाने के लिए अपना नामांकन किया है। भारत में तीन आयु वर्ग दो से छह वर्ष, छह से 12 वर्ष और 12 से 18 वर्ष में से प्रत्येक आयु वर्ग से 175 बच्चों को टीका लगाया जाना जाएगा।
देश के क्लिनिकल परीक्षण पंजीकरण के अनुसार जिन पांच संस्थानों में बच्चों को टीका लगाया जाएगा, उनमें प्रखर अस्पताल कानपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना, मैसूर मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान (एमएमसीआरआई) मैसूर, प्रणाम अस्पताल हैदराबाद और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर है।