दोहा । समाचार चैनल अल जज़ीरा ने 15 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में दो दर्जन से भी अधिक कथित फिक्सिंग के आरोप लगाकर एक बार फिर क्रिकेट में व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर सनसनी फैला दी है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) ने चैनल से सबूतों की मांग की है।
समाचार चैनल ने वर्ष 2011 से 2012 के बीच कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में फिक्सिंग के आरोप लगाये हैं जिसके मुताबिक इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों पर सात मैचों में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप हैं। आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर पांच, पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर तीन जबकि अन्य टीमों के खिलाड़ियों पर कम से कम एक मैच में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप हैं।
रिपोर्ट के अनुसार तो कुछ मैचों में दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर ही फिक्सिंग के अारोप लगाये गये हैं। चैनल का दावा है कि उसके पास कई चर्चित भारतीय सट्टेबाज़ों के फोन की रिकार्डिंग मौजूद है जिन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उनकी बातें रिकार्ड हो रही हैं।
जिन मैचों में फिक्सिंग के अारोप लगे हैं उनमें लार्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर भारत बनाम इंग्लैंड, केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका बनाम आस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच कई मैच शामिल हैं। कई मैचों में तो एक से अधिक बार फिक्सिंग की गयी है जबकि कुल 15 मैचों में 26 बार फिक्सिंग हुई है।
समाचार चैनल ने अपनी डॉक्यूमेंट्री में सट्टेबाज़ अनील मुनावर के नाम का जिक्र किया है जिन्होंने मई 2018 में भी तहलका मचा दिया था। मुनावर मुंबई का रहने वाला है लेकिन उसका अधिकतर समय दुबई में ही बीतता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुनावर 2010 से ही अंतरराष्ट्रीय मैचों में फिक्सिंग कर रहा है।
डाक्यूमेंट्री में मुनावर के लिये काम करने वाले एक व्यक्ति ने ही उसकी पहचान सुनिश्चित की है और मुनावर की फिक्सिंग को लेकर बातचीत रिकार्ड की है। इसके बाद मुनावर की भूमिका की फिर एक जाने माने भारतीय जासूस ने भी पुष्टि की है जिन्होंने एक कथित अपराधी सोनू जलान काे गिरफ्तार किया था।
फिक्सिंग के नये आरोपों को लेकर वैश्विक क्रिकेट संस्था ने तत्परता दिखाते हुये अल जजीरा से रिलीज़ की गयी दूसरी डॉक्यूमेंट्री एवं अन्य सबूत मांगे हैं। रिपोर्ट में चैनल ने सट्टेबाज़ों की रिकार्डिंग की बात कही है। चैनल ने जिस सट्टेबाज़ के नाम का जिक्र दूसरी डॉक्यूमेंट्री में किया है उसी मुनावर का नाम पहली डॉक्यूमेंट्री में भी किया था। बताया जाता है कि मुनावर अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की डी कपंनी के लिये काम करता था।
दोनों ही डॉक्यूमेंट्रियों में चैनल ने भारतीय सट्टेबाज़ों का जिक्र किया है। गौरतलब है कि पिछली डाक्यूमेंट्री में चैनल ने दिसंबर 2016 में हुये चेन्नई टेस्ट, मार्च 2017 के रांची टेस्ट में फिक्सिंग के अारोप लगाये थे जिसमें आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के शामिल होने का संदेह जताया गया था।
इन दावों को इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड(ईसीबी) और क्रिकेट आस्ट्रेलिया(सीए) ने सिरे से खारिज किया है। उनका दावा है कि चैनल ने इसे लेकर पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं कराये हैं। आईसीसी ने पहले भी चैनल से सबूत मुहैया कराने की अपील की थी जिसे अल जजीरा ने खारिज कर दिया था जबकि इस बार फिर से वैश्विक संस्था ने चैनल से सबूत देने की अपील की है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा(एसीयू) के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने कहा,“ आईसीसी क्रिकेट की विश्वसनीयता बनाये रखने के लिये प्रतिबद्ध है। हमने डॉक्यूमेंट्री में लगाये गये सभी कथित आरोपों को गंभीरता से लिया है और आगे इसकी जांच करेंगे। हालांकि हम चैनल से इसे लेकर सभी दस्तावेज एवं सबूत उपलब्ध कराने की अपील करते हैं।”
ईसीबी ने चैनल की जानकारी को आधा अधूरा तैयार बताते हुये कहा है कि उसने जो सबूत पेश किये थे उससे इंग्लिश खिलाड़ियों की संलिप्तता नहीं पता चलती है। ईसीबी प्रवक्ता ने कहा,“ ईसीबी भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत गंभीर है, लेकिन चैनल ने हमें जो जानकारी मुहैया करायी है वह आधी अधूरी है और इसमें कोई स्पष्टता नहीं है। हमारी आचार संहिता इकाई ने इसकी जांच की है और पूर्व या मौजूदा किसी भी इंग्लिश खिलाड़ी के व्यवहार को गलत नहीं पाया।”
दूसरी ओर आस्ट्रेलियाई बोर्ड ने भी डाक्यूमेंट्री में आरोपी ठहराये गये अपने खिलाड़ियों का बचाव किया है। सीए के पूर्व प्रमुख जेम्स सदरलैंड ने बताया कि बोर्ड को अल जजीरा की दूसरी डॉक्यूमेंट्री के जारी होने और उसमें आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का जिक्र होने की सूचना पहले से थी। उनकी भ्रष्टाचार निरोधक इकाई इन दावों पर काम कर रही है।