टोरंटो। इनफ्लुएंजा बुखार से पीड़ित लोगों को हृदयाघात का खतरा छह गुना बढ़ जाता है। खासतौर से बुखार आने के आरंभिक एक सप्ताह में यह खतरा ज्यादा रहता है, लिहाजा टीकाकरण बहुत जरूरी है। एक शोध से यह जानकारी मिली है। बुजुर्गो, इनफ्लुएंजा बी संक्रमण व हृदयाघात से पीड़ित रहे मरीजों में यह खतरा और भी ज्यादा हो सकता है।
कनाडा स्थित एक गैर लाभकारी संस्था इंस्टीट्यूट फॉर क्लिनिकल एवैल्युएटिव साइंसेस (आईसीईएस) के वैज्ञानिक जेफ क्वोंग ने कहा कि हमारे नतीजे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनफ्लुएंजा और हृदयाघात के बीच संबंध से टीकाकरण की आवश्यकता बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि यह अध्ययन उन अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का समर्थन करता है जिनमें हृदयाघात के ज्यादा खतरों वाले मरीजों को इनफ्लुएंजा के टीके लगवाने की सलाह दी गई है।”
यह शोध न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने वर्ष 2009 से लेकर 2014 के बीच 332 ऐसे मरीजों की पहचान की जिन्हें हृदयाघात के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। सभी मरीजों की जांच से पता चला है कि वे इनफ्लुएंजा से पीड़ित थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकलन के आधार पर दुनियाभर में हर साल मौसमी इनफ्लुएंजा से पीड़ित 50 लाख गंभीर मामले प्रकाश में आते हैं जिनमें तीन लाख से पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में 2017 में एच1एन1 से पीड़ित 38,220 मामले सामने आए जिनमें से 2,186 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़ा वर्ष 2016 के मुकाबले काफी ज्यादा रहा। 2016 में कुल 1,786 मामले प्रकाश में आए जिनमें मरने वालों की सख्या 265 थी।