चंडीगढ़। ‘उड़न सिख’ के नाम से मशहूर महान भारतीय धावक मिल्खा सिंह का शुक्रवार रात को जानलेवा कोरोना वायरस के चलते निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। उनके परिवार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उनके परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीज़ा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और एक बेटा तथा जाने माने गोल्फर जीव मिल्खा हैं।
1958 के राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन और 1960 के रोम ओलम्पिक की 400 मीटर दौड़ में रिकार्ड तोड़ने के बावजूद पदक से चूके मिल्खा सिंह ने चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में शुक्रवार रात को अपनी अंतिम सांस ली। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
उनके स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए पीजीआईएमईआर अस्पताल ने कहा था कि शुक्रवार शाम को कोविड-19 के बाद उत्पन्न हुई जटिलताओं के कारण उनकी हालत गंभीर हो गई थी। उनका ऑक्सीजन स्तर कम होने लगा और उन्हें बुखार आ गया था।
पिछले महीने से कोविड-19 से संक्रमित मिल्खा सिंह का परीक्षण बुधवार को नेगेटिव आया था, जिसके बाद उन्हें कोविड आईसीयू से सामान्य आईसीयू में भेज दिया गया था और डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही थी। गुरूवार की रात उन्हें बुखार आ गया था और उनका ऑक्सीजन का स्तर गिर गया था। हालांकि इससे पहले उनकी हालत स्थिर थी।
उन्हें पिछले महीने कोविड-19 संक्रमण हो गया था। उनकी पत्नी 85 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निर्मल कौर का भी पांच दिन पहले कोविड-19 संक्रमण से जूझते हुए बीते रविवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। मिल्खा अस्पताल मे होने के चलते पत्नी के दाह संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे।
मिल्खा के दिवंगत होने से एथलेटिक्स की दुनिया में एक महान युग का अंत हो गया। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, खेल मंत्री से लेकर देश की जानी मानी हस्तियों ने कोविड की चपेट से आने के पूर्व युवाओं की तरह फिट मिल्खा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा कि हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया है। भारतीयों के दिलों में मिल्खा सिंह के लिए खास जगह थी। उन्होंने लोगों को अपने व्यक्तिव से प्रेरित किया। मैं उनके निधन से मैं बहुत दुखी हूं।