नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान में गरीब, प्रवासी मजदूर, किसान, मध्यम आय वर्ग और संगठित क्षेत्र के छोटे कामगारों के लिए घोषणाएं की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किफायती रेंटल आवास परिसर बनाने की योजना बनाई गई है। इसके तहत कम किराये पर प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध हो सकेगा। इस संबंध में मंत्रालय शीघ्र ही विस्तार से योजना जारी करेगी। यह योजना सरकार निजी भागीदारी आधारित होगी।
उन्होंने कहा कि देश के आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक मुफ्त में राशन देने की व्यवस्था की गई है। इस पर 3500 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इसमें प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो गेहूं या चावल और प्रति परिवार एक किलो चना दिया जाएगा। यह योजना सिर्फ बगैर राशन कार्डधारक के लिए है।
सीतारमण ने कहा कि तीन करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ रुपए के ऋण दिए गए हैं और अब उनको इसके भुगतान में तीन महीने की राहत दी जा रही है। इसके तहत ब्याज में राहत और नियमित भुगतान करने पर दी जाने वाली छूट की अवधि को एक मार्च से बढ़ाकर 31 मई 2020 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों, मधुआरों और पशुपालकों को 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की तैयारी चल रही है और इसके माध्यम से 25 हजार करोड़ रुपए के ऋण दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना के मद्देनजर किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तरलता की मदद की जा रही है। एक मार्च 2020 से लेकर 30 अप्रैल तक कृषि क्षेत्र में 86600 करोड़ रुपए के 63 लाख ऋण मंजूर किए गए हैं। इसके अतिरिक्त नाबार्ड के माध्यम से 29300 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे जो नाबार्ड द्वारा वार्षिक आधार पर दिये जाने वाले 90 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। राज्यों को ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास फंड के तहत 4200 करोड़ रुपए दिए गए हैं। राज्यों की कृषि उत्पाद खरीद एजेंसियों को उत्पाद खरीद के लिए कार्यशील पूंजी के वास्ते 6700 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में प्रवासी और शहरी गरीबों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्यों को 11002 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही राज्यों को राज्य आपदा राहत कोष का भी इसके लिए उपयोग करने की छूट दी गई है।
लॉकडाउन के दौरान आश्रय गृहों में रहने वालों को तीन समय भोजन उपलब्ध कराए गए हैं। देश के 12 हजार से अधिक स्व सहायता समूहोें ने तीन करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर तैयार किए हैं। इससे रोजगार के अतिरिक्त अवसर सृजित हुए हैं। गत 15 मार्च के बाद से देश में 7200 नए स्व सहायता समूह बनाए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों को लौटने के मद्देजनर मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी की राशि को 182 रुपए से बढ़ाकर 2020 रुपए कर दिया गया है। गत 13 मई तक मनरेगा के तहत 14.62 करोड़ मानव दिवस कार्य सृजन किए गए हैं। अब तक इस पर 10 हजार करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं।
देश के 1.87 ग्राम पंचातयों में 2.33 करोड़ श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष मई की तुलना में अब तक मनरेगा में पंजीयन में 40 से 50 फीसदी की बढोतरी हुई है और पंजीयन में तेजी लाने पर जोर दिया जा रहा है।
सीतारमण ने कहा कि देश में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू की जा रही है। इसको अभी देश के 23 राज्यों में लागू किया जा रहा है और अगस्त तक 67 करोड़ राशन कार्ड को इस योजना में शामिल किया जाएगा। इसके तहत राशन कार्डधारक को पूरे देश में कहीं भी राशन लेने की सुविधा दी जाएगी। मार्च 2021 तक इस योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
इस मौके पर राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेंय ने कहा कि राशन कार्ड को आधार से जोड़ा जायेगा और उसी के आधार पर जो व्यक्ति अपने मूल निवास से बाहर होगा उसको दूसरे स्थान पर राशन मिलेगा। इसमें प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि अब सभी कामगारों को नियुक्ति पत्र जारी करना होगा। अभी तक 30 फीसदी श्रमिकों को ही न्यूनतम वेतन का लाभ मिल पा रहा है लेकिन अब इसको शतप्रतिशत असंगठित क्षेत्र में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही कामगारों को वार्षिक आधार पर स्वास्थ्य जांच कराना होगा। उन्होंने कहा कि जोखिम वाले क्षेत्रों में 10 से कम कामगार वाले प्रतिष्ठानों को भी परिचालन सुरक्षा और स्वास्थ्य संहिता को लागू करना होगा।
उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए सामाजिक लाभों को लागू किया जाएगा। देश के सभी जिलों में ईएसआईसी को लागू किया जाएगा और यह 10 या उससे अधिक कामगार वाले प्रतिष्ठानों के लिए होगा।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छह लाख रुपए से 18 लाख रुपए की वार्षिक आय वालों के लिए लागू की गई क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाई जा रही है। यह योजना मई 2017 में शुरू की गई थी और इसको 31 मार्च 2020 तक बढ़ाई गई थी। अब तक इस योजना का लाभ 3.3 लाख परिवाराें को मिल चुका है और इसकी समयावधि बढ़ाए जाने से 2.5 लाख परिवारों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है।
इस योजना के तहत रियलटी क्षेत्र में 70 हजार करोड़ रुपए का निवेश होने का अनुमान है। इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होने के साथ ही स्टील, सीमेंट , परिवहन और अन्य निर्माण वस्तुओं वाले क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि कल एमएसएमई आदि क्षेत्रों के लिए घोषणाएं की गई थी और आज गरीब, प्रवासी और किसानों के लिए घोषणायें की गई है। वित्त मंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अगले दो तीन तक किसी न किसी क्षेत्र के बारे में घोषणाएं करेंगी।