जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बावजूद प्रदेशवासी अपने लापरवाही भरे व्यवहार में बदलाव लाकर मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने तथा भीड़ से दूर रहने के हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना नहीं करेंगे, तो राज्य सरकार सख्त कदम उठाने पर मजबूर होगी।
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर शनिवार रात को संक्रमण और टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान संक्रमण बहुत अधिक तेजी से फैल रहा है तथा सभी लोग स्वास्थ्य नियमों की पालना कर इसे नियंत्रित रखने में सरकार की मदद करें।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के प्रसार के दौरान जिस तरह सभी वर्गों एवं समुदायों के लोगों ने राज्य सरकार का भरपूर सहयोग दिया और सभी स्वास्थ्य नियमों एवं अन्य दिशा-निर्देशों की पालना की उसी भावना और समर्थन की फिर से आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हम सबके लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए कि आज प्रदेश में कोविड के अभी तक के सर्वाधिक 4401 मामले सामने आए हैं। कोविड की इस गंभीरता को आम लोग अभी भी नहीं समझ रहे हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि कोविड प्रोटोकॉल यानी मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग और हाथ धोना ही आपको इस बीमारी से बचा सकता है।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी जिलों में स्थानीय प्रशासन क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों के साथ बैठकर सामझाइश तथा सख्ती के माध्यम से आमजन से स्वास्थ्य नियमों की पालना कराने की रणनीति बनाने के निर्देश दिए।
उन्होेंने कहा कि अगले एक-दो दिन में सभी कलेक्टर विभिन्न व्यापारी एवं व्यवसायिक संगठनों धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों एवं अन्य प्रभावशाली लोगों के साथ बैठकें करें। इसी प्रकार पुलिस अधिकारी भी थाने के स्तर तक कम्युनिटी लाइजन ग्रुप (सीएलजी) के सदस्यों के साथ आवश्यक रूप से बैठकें कर कोविड प्रोटोकॉल की पालना में उनका सहयोग लेना सुनिश्चित करें।
गहलोत ने बताया कि उदयपुर में सबसे तेज गति से संक्रमण फैलने के कारण रात्रिकालीन कर्फ्यू शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक 12 घण्टे की अवधि के लिए लगाया गया है। उन्होंने कहा कि उदयपुर में बड़ी संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं, फिर भी हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित पाया जा रहा है। यहां पॉजिटीविटी दर 30 प्रतिशत तक पहुंचने के साथ ही शहर के अस्पतालों में 66 प्रतिशत आईसीयू और ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती हैं।
उन्होंने कहा कि कोटा, जोधपुर और जयपुर में भी संक्रमण की गति काफी तेज है। इन शहरों में शनिवार को पॉजिटिविटी दर क्रमशः 22, 15 और 8.4 प्रतिशत रही, जो गम्भीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस स्थिति के बारे में स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली लोगों, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संस्थाओं से चर्चा कर यह संदेश देना चाहिए कि वे लोगों को हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना करने के लिए प्रेरित करें, क्योंकि संक्रमण अधिक बढ़ने पर हालात बहुत बिगड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब एवं गुजरात सहित कई राज्यों में संक्रमण की स्थिति बेकाबू हो रही है।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कई स्थानों पर कोविड टीकाकरण का काम रोकना पड़ सकता है। शनिवार को कई जिलों में वैक्सीन खत्म हो गई है। उन्होेंने कहा कि केंद्र सरकार ने रविवार को वैक्सीन के चार लाख डोज उपलब्ध कराने की बात कही है, लेकिन हमारे पास 5 लाख 80 हजार वैक्सीन प्रतिदिन लगाने की क्षमता है, जो देश में सर्वाधिक है।
बैठक में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार तथा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने संक्रमण की तेज गति को नियंत्रित करने के लिए आगामी दिनों में कई कदम उठाने के सुझाव दिए जिनमें वैवाहिक एवं सामाजिक आयोजनों में उपस्थित व्यक्तियों की संख्या 50 करने, रात्रिकालीन कर्फ्यू की अवधि शाम छह से सुबह छह बजे तक करने, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में धार्मिक मेलों, उत्सवों, जुलूस आदि पर रोक, सरकारी कार्यालयों की तर्ज पर निजी कार्यालयों में उपस्थिति 75 प्रतिशत करने, कोचिंग संस्थानों में कक्षाओं पर रोक लगाने, स्कूलों एवं शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को केवल परीक्षा के लिए ही प्रवेश तथा बसों एवं अन्य सार्वजनिक वाहनों में यात्रियों की संख्या पचास प्रतिशत करना शामिल है।