सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही जिले के कालंद्री स्थित नवोदय विद्यालय के सिल्वर जुबली फंक्शन में दोपहर के खाने से फ़ूड पॉइजनिंग हो गई। इससे विद्यालय में अध्ययनरत और विद्यालय के पूर्व छात्र करीब 70 लोग प्रभावित हुए।
गंभीर बीमार डेढ़ दर्जन छात्र, छात्राओं और पूर्व छात्रों को सिरोही जिले चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां तुरंत उनका उपचार शुरू किया गया। जिला कलेक्टर अनुपमा जोरवाल बच्चों के हाल जानने चिकित्सालय पहुंची। वहीं एडीएम आशाराम डूडी शुरू से ही चिकित्सालय में व्यवस्था बहाली में लगे रहे।
एडीएम ने सबगुरु न्यूज को बताया कि एसडीएम गोपाल परिहार और तहसीलदार को कालंद्री में लगाया गया है। डूडी ने बताया कि चिकित्सकों का एक दल कालंद्री भेज कर सामान्य प्रभावित बच्चों और पूर्व छात्रों का वहीं उपचार कर रहे हैं। एसडीएम से मिली सूचना के आधार पर उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य में सुधार होने पर कालंद्री में 15-15 बच्चों को डिस्चार्ज किया जा रहा है।
कालंद्री नवोदय विद्यालय में मंगलवार से तीन दिवसीय सिल्वर जुबली फंक्शन शुरू हुआ है। इसमें दोपहर के भोजन के बाद शाम करीब 7 बजे से फ़ूड पोइजनिग के कारण उल्टी, मितली, मरोड़ की शिकायत हो गई।
चुनावी मौसम में नेताओं का चुनावी पर्यटन
कालंद्री स्कूल में हुए हादसे ने चुनाव में भीड़ और फ़ोटो खिंचवाने का मौका ढूंढ रहे नेताओं के लिए जिला चिकित्सालय को चुनावी पर्यटन स्थल बना दिया। भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता वहां जबरदस्त एक्टिव मोड में नजर आए।
आम तौर पर लेट लतीफी के लिए मशहूर सिरोही विधायक और विधानसभा चुनाव 2018 में सिरोही से भाजपा के प्रत्याशी ओटाराम देवासी तो एम्बुलेंस आने से पहले ही चिकित्सालय में नजर आए। उनके साथ शेष नेता भी।
हालात ये रहे कि देवासी ने तो चिकित्सालय पर्यटन के फोटो अपने समर्थकों के ट्विटर पर अपलोड करवाकर वायरल करवा दिए। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के समर्थक भी चिकित्सालय में ही थे, इन्हें सिरोही से कांग्रेस का प्रबल दावेदार बताया जा रहा है।
भीड़ से परेशान रहे चिकित्सक
सिविल मोरलिटी की कमी यहां पर नेताओं और सामान्य लोगों में स्पष्ट नजर आयी। जिला चिकित्सालय के जिस वार्ड में फ़ूड पोइजनिग पीड़ित बच्चों को भर्ती करवाया गया था वहां पर इतनी भीड़ कर दी गई थी कि चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ को इंजेक्शन और दवाइयां उन तक ले जाने में भी मशक्कत करनी पड़ रही थी।
हालात ये रहे कि एक चिकित्सक को तो ये ताना भी देना पड़ा कि आप इतने लोग यहां इकट्ठे हो गए हो कि हम बहुत ही आराम से उपचार कर पा रहे हैं, इतने लोग नहीं होते तो हम उपचार कर ही नहीं पाते। एक स्वयं घोषित समाजसेवी तो फ़ोटो के लालच में इतने व्यस्त रहे कि फ़ोटो खींचने तक एक मरीज का हाथ ही पकड़े रहे। उन्हें ये मुगालता यहां भी नजर आया कि उनके हाथ पकड़ने के बाद चिकित्सक को इंजेक्शन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।