श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने शनिवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेदों में किसी तरह के परिवर्तन के बारे में कोई जानकारी नहीं है और राज्य में सुरक्षा बलों की गतिविधियाँ आतंकवादी हमलों की संभावना की खुफिया जानकारी के मद्देनजर बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इस सुरक्षा संबंधी मसले को किसी दूसरे मामले से अनावश्यक रूप से जोड़कर घबड़ाहट का माहौल पैदा नहीं किया जाना चाहिए।
मलिक ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में उनसे मिलने गए नेशनल कांफ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद जारी बयान में यह बात कही। अब्दुल्ला और उनके साथ गए प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने सरकार की ओर से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द कश्मीर घाटी से लौट जाने संबंधी परामर्श जारी करने के बाद घाटी में बन रही स्थिति से अवगत कराया।
उन्होंने राज्यपाल को बताया कि परामर्श जारी किये जाने के बाद लोग घबड़ाहट में हैं और किसी संभावित आपात स्थिति के मद्देनजर जरूरी सामानों की खरीद-फरोख्त में जुट गए हैं।
मलिक ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि सुरक्षा को लेकर ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि तत्काल कार्रवाई जरूरी हो गई थी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता खुफिया सूचनाएं मिली हैं कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रा पर हमला करने की फिराक में थे। उन्होंने बताया कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बढ़ा दी गई है जिसका भारतीय सेना करारा जवाब दे रही है।
राज्यपाल ने कहा कि सेना के कोर कमांडर और पुलिस महानिदेशक ने संवाददाता सम्मेलन में इसका जिक्र भी किया है। बरामद किए गए हथियार और विस्फोटक सामग्रियों का ब्यौरा भी दिया जा चुका है। आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर तत्काल कार्रवाई आवश्यक हो गई थी।
मलिक ने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में सरकार ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जल्द से जल्द लौट जाने का परामर्श जारी किया। उन्होंने कहा कि वे (श्रद्धालु तथा पर्यटक) आसान शिकार हो सकते हैं। उन्हें इलाके के बारे में जानकारी नहीं है। वे फिदायिन हमलों या आतंकवादियों के लिए बेहद आसान लक्ष्य हो सकते हैं। सभी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए, एहतियातन श्रद्धालुओं और पर्यटकों को लौट जाने को कहा गया। उन पर किसी तरह का आतंकवादी हमला न होने पाये, इसलिए ऐसा किया गया।
उन्होंने कहा कि अपने नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार का फर्ज बनता है, भले ही इससे थोड़ी-बहुत परेशानी क्यों न हो। राज्यपाल ने कहा कि राज्य प्रशासन को संविधान के अनुच्छेदों में किसी तरह के परिवर्तन संबंधी कोई जानकारी नहीं है। अत: इस सुरक्षा संबंधी मसले को किसी दूसरे मामले से अनावश्यक रूप से जोड़कर घबड़ाहट का माहौल पैदा नहीं किया जाना चाहिए।
मलिक ने कहा कि एक विशुद्ध सुरक्षा उपाय को ऐसे मसले से जोड़ दिया गया है जिसका उससे कोई लेना-देना नहीं है। घबड़ाहट का यही कारण है। गृह सचिव और मंडलायुक्त ने इस पर कल ही स्पष्टीकरण दे दिया था। राज्यपाल ने राजनेताओं से कहा कि वे अपने समर्थकों को शांत रहने और बढ़ा-चढ़ाकर फैलायी जा रही निराधार अफवाहों पर विश्वास न करने की सलाह दें।
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