अजमेर। अजमेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सोमवार को मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से अपने पास रखे गए दस वर्षीय सुमन नाम के हाथी को अपने सरंक्षण में लेने के आदेश दिए।
न्यायालय ने यह आदेश हयुमैन सोसायटी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से दाखिल याचिका पर दिए। याचिका में कहा गया कि दस साल का यह हाथी राजेन्द्र कुमार शर्मा नामक एक व्यक्ति द्वारा बगैर किसी दस्तावेज के अवैध रूप से रखा गया है और उसे अब जयपुर स्थानांतरित करने का प्रयास कर रहा है।
संस्था ने इस संबंध में वन्य जीव अधिनियम संरक्षण कानून 1972 के तहत 23 मई को मुकदमा दर्ज कराया था जिसके बाद वन्य जीव विभाग ने उसे गत 25 मई को ही अपने सरंक्षण में ले लिया था।
याचिका में कहा गया कि हाथी सरंक्षित वन्यप्राणी है ओर उसकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ही पूरी तरह से जिम्मेदार है ओर इस हाथी को रखने वाले व्यक्ति के पास मालिकाना हक का कोई दस्तावेज नहीं है। याचिका में कहा गया कि एेसे वन्य प्राणी के साथ अत्याचार कर काम लिया जाता है।
न्यायालय ने राजस्थान के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत इस हाथी को अपने सरंक्षण में लेकर केंद्रीय चिडियाघर के नियमों का पालन करने आदेश दिए।