भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर नगर परिषद के पूर्व आयुक्त का कोरोना पाजिटिव घोषित करके इलाज किया जा रहा था, लेकिन उनकी मौत के बाद पता चला कि वह कोरोना पोजिटिव नहीं बल्कि साधारण निमोनिया से पीड़ित थे।
मृतक के परिजनों ने पूर्व आयुक्त के अंतिम संस्कार के बाद आक्रोश भरे लहजे में खुुले तौर पर कहा कि मामूली निमोनिया के मरीज को कोरोना पाजिटिव घोषित करके उन्हें निमोनिया के इलाज से दूर करके मौत केे मुंह में धकेल दिया गया।
गौरतलब है कि पूर्व आयुक्त मोहन लाल गुप्ता को निमोनिया की शिकायत थी, लेकिन 17 जून को उनकी भरतपुर में कोरोना सेम्पल की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए जयपुर एक निजी अस्पताल ले गए जहां 20 जून को हुए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव तो आई, लेकिन तब तक कोरोना के सन्देह में मामूली से निमोनिया के मरीज की बिना उपचार के मौत हो गई।
गुप्ता के परिजनों ने बताया कि इस मामले को लेकर वे कानूनी तौर तरीकों पर भी विचार करेंगे। उधर रविवार को 2 मौतों के इजाफे के साथ ये संख्या 30 पर जा पहुंची है। साथ ही रविवार को 15 नए कोरोना पेशेंट के साथ कोरोना पीड़ितों की संख्या भी अब 1332 हो गई है। कोरोना की रिपोर्ट को लेकर पिछले दिनों केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के निजी स्टाफ की रिपोर्ट पर भी काफी हंगामा हो चुका है।