बदायूं। उत्तर प्रदेश में बदायूं की एमपी/ एमएलए कोर्ट ने स्नातक छात्रा के अपहरण और बलात्कार के 13 साल पुराने मामले में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम अखिलेश कुमार ने 23 अप्रैल 2008 को बीए की छात्रा के अपहरण के बाद हुए रेप के मामले में बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से बसपा के पूर्व विधायक रहे योगेंद्र सागर को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है। पूर्व विधायक पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने की दशा में 3 महीने की अतिरिक्त सज़ा भुगतनी होगी।
अदालत ने आदेश में यह भी कहा है कि सभी सजाएं एक साथ चलाई जाएगी।अदालत के फैसला दिए जाने के बाद पूर्व विधायक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और मेडिकल व कोविड टेस्ट कराया है।उसके बाद विधायक को जेल भेजा जाएगा। इस मामले में दो अन्य आरोपी तेजेन्द्र सागर और नीरज शर्मा उर्फ मीनू शर्मा को पहले ही इस मामले में आजीवन कारावास की सज़ा हो चुकी है।
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता मदनलाल राजपूत ने बताया कि 23 अप्रैल 2008 को बिल्सी थाना क्षेत्र कस्बा बिल्सी से बीए की छात्रा का उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वह अपनी सहेली के घर नोट्स लेने जा रही थी।
कई दिनों के बाद छात्रा की बरामदगी हुई उसके बाद पीड़िता ने अपने बयान में बताया था कि उसको विधायक के लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर रखा गया और उसके साथ तेजेन्द्र सागर,नीरज उर्फ मीनू शर्मा और विधायक योगेंद्र सागर ने रेप किया और लखनऊ दिल्ली आदि जगहों पर ले जाकर कई दिनों तक रेप करते रहे। पुलिस एवं मीडिया का दबाव बढ़ने के बाद आरोपी गण पीड़ित छात्रा को मुज़फ्फर नगर में थाने के सामने छोड़ कर आ चले गए थे।
अभियोजन पक्ष के सरकारी वकील मदनलाल राजपूत एवं आरोपी पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस को सुनने के बाद (एडीजे9) एमपी/ एमएलए विशेष न्यायधीश अखिलेश कुमार ने आरोपी पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को आजीवन कारावास के साथ 30000 रूपए जुर्माना अदा करने की सज़ा सुनाई है।
उल्लेखनीय है कि योगेंद्र सागर वर्तमान में भाजपा में हैं और उनके पुत्र कुशाग्र सागर बिसौली सुरक्षित विधानसभा सीट से विधायक हैं। योगेंद्र सागर की पत्नी प्रीति सागर पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।