भोपाल। दिवंगत वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज कुमारी राजधानी भोपाल स्थित उनके आवास ‘केरवा कोठी’ का आधिपत्य उन्हें दिलाने के अनुरोध के साथ आज यहां अदालत पहुंचीं।
अदालत ने सरोज कुमारी के पुत्र एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह समेत तीन परिजनों को नोटिस जारी कर 19 जुलाई को अदालत के समक्ष पेश होकर जवाब पेश करने के लिए कहा है।
तिरासी वर्षीय सरोज कुमारी ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गौरव प्रज्ञानन की अदालत में इस संबंध में अपने अधिवक्ता दीपेश जोशी के माध्यम से परिवाद प्रस्तुत किया। इसमें कुमारी ने अपने पुत्र एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह को मुख्य रूप से प्रतिवादी बनाया है। सरोज कुमारी व्हील चेयर पर अपनी पुत्री बीना सिंह और एक उद्योगपति सेम वर्मा के साथ पहुंची।
अधिवक्ता जोशी के अनुसार इस प्रकरण में अजय सिंह के अलावा उनकी पत्नी सुनीति सिंह और बड़े पुत्र अभिमन्यु सिंह (बेंगलूरु निवासी) को भी प्रतिवादी बनाया गया है। अदालत ने तीनों को नोटिस जारी किया है।
अदालत के समक्ष पेश किए गए परिवाद में सरोज कुमारी ने कहा है कि उनके पति अर्जुन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। उनके पति ने भोपाल के समीप रातीबड़ क्षेत्र में साढ़े चार हेक्टेयर क्षेत्र में ‘देवश्री, केरवा कोठी’ नाम से आवास बनवाया था, जिस पर उनके पति और उनका अधिकार है।
परिवाद में कहा गया है कि अर्जुन सिंह का निधन चार मार्च 2011 को दिल्ली में हुआ था और उनकी अंत्येष्टि राज्य के चुरहट में की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह के निधन के बाद से ही अजय सिंह उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और उन्हें भोपाल आने पर इस मकान में रहने नहीं दिया गया। वह अपने पति की अंतिम क्रियाएं कर दिल्ली लौट गईं। वे वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में एक आवास में रहती हैं।
परिवाद के अनुसार अजय सिंह ने उन्हें कभी वापस लाने का प्रयास नहीं किया और न ही अपने साथ रखने का अनुरोध किया। जबकि वह अपने पति के निधन के बाद से ही केरवा कोठी में निवास की इच्छुक थीं। वर्तमान में वह चलने फिरने के भी लायक नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि अनावेदक क्रमांक एक (यानी अजय सिंह) ने न तो उनके भरण पोषण की व्यवस्था की और न ही उन्हें अपने आवास में आने दिया गया। यह कृत्य स्वयं ही घरेलू हिंसा का परिचायक है।
सरोज कुमारी ने अदालत ने अनुरोध किया है कि उनके साथ घरेलू हिंसा नहीं करने और किसी भी तरह की बातचीत करने से रोकने के लिए आदेश दिया जाए। उन्होंने अदालत से यह भी अनुरोध किया है कि केरवा कोठी को रिक्त कराकर यह आवास उन्हें सौंपने का आदेश पारित किया जाए। परिवाद में मासिक भरण पोषण की मांग भी की गई है।