गांधीनगर। गुजरात में कांग्रेस के पूर्व विधायक सह पूर्व राष्ट्रीय सचिव और बिहार मामलों के लिए पार्टी के सह प्रभारी रहे अल्पेश ठाकोर ने आज विधिवत सत्तारूढ़ भाजपा का दामन थाम लिया।
उनके साथ ही बगावत कर कांग्रेस छोड़ने वाले एक अन्य पूर्व विधायक धवलसिंह झाला भी यहां के निकट कोबा में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय श्रीकमल में सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए।
गुजरात भाजपा के अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने दोनो नेताओं को केसरिया अंगवस्त्र देकर उन्हें विधिवत पार्टी में शामिल किया। अल्पेश ने वर्ष 2017 के अक्टूबर में राहुल गांधी के समक्ष कांग्रेस का दामन थामा था। वह राधनपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। झाला बॉयड सीट के विधायक थे।
गत 10 अप्रेल को उन्होंने कांग्रेस पर उन्हें तथा उनके ठाकोर समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाते हुए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था पर वह विधायक पद पर बने रहे थे। पांच जुलाई को राज्य सभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने के बाद अल्पेश और झाला ने विधानसभा से भी त्यागपत्र दे दिया था।
अल्पेश जाति आधारित संगठन क्षत्रिय ठाकोर सेना के अध्यक्ष भी हैं जबकि झाला भी इससे जुड़े हुए हैं। संगठन की कोर समिति ने गत 15 जुलाई को ही दोनो के भाजपा में शामिल होने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी थी। इसके बाद से दोनो नेता अपने समर्थकों के साथ आज भाजपा मुख्यालय पहुंचे।
भाजपा में शामिल होने के बाद अल्पेश ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के भरोसायोग्य और राष्ट्रवादी नेतृत्व से प्रभावित होकर ऐसा कर रहे हैं। अगर भाजपा नेतृत्व मौका देगा तो वह फिर से चुनाव लड़ेंगे। ठाकोर सेना एक सामाजिक संगठन है और यह चलता रहेगा।
कांग्रेस विचारधारा से भटक कर गुटबाजी और स्वार्थ की राजनीति में लिप्त है। शराबबंदी के खिलाफ उनके आंदोलन को सामाजिक मदद की जरूरत है। विजय रूपाणी सरकार ने शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ कड़ा कानून बनाया है।
इस मौके पर वाघाणी ने कहा कि दोनो ठाकोर जाति से तथा अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं और उनके आने से इस वर्ग को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात का कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया कि क्या अटकलों के अनुरूप अलपेश को मंत्री पद मिलेगा। उन्होंने कहा कि दोनो नेता कांग्रेस के सभी पद छोड़ कर भाजपा में फिलहाल बतौर एक कार्यकर्ता शामिल हुए हैं।