नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की माैजूदगी में पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया और कहा कि यह उनकी घर वापसी है।
आजाद ने गांधी के आवास पर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका पूरा बचपन कांग्रेसी माहौल में बीता है। उनके पिता भगवत झा आजाद स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और कांग्रेस परिवार से उनकी बचपन से ही नजदीकी रही है इसलिए इस पार्टी में शामिल होना उनके लिए घर वापसी जैसा है।
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2014 में बिहार के दरभंगा से लोकसभा सदस्य चुने गए आजाद ने कहा कि उन्हें भाजपा में रहकर घुटन महसूस हो रही थी। आरंभ से ही उन्होंने पार्टी फोरम पर भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए और दस्तावेजों के साथ सरकार को इस पर कार्रवाई करने का आग्रह किया लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा में अब किसी की आवाज नहीं सुनी जा रही है। ‘न खाऊंगा, न खाने देने’ की सिर्फ बातें हो रही हैं और इसको लेकर महज जुमलेबाजी की जा रही है। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी ने कहा कि दिल्ली जिला क्रिकेट संघ में भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने 400 पेज के दस्तावेज के साथ आरोप लगाए थे और इसकी जांच करने का आग्रह किया था लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया।
ढाई दशक से ज्यादा समय तक भारतीय जनता पार्टी में रहने के बाद कांग्रेस में शामिल होने की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि 26 साल पहले की भाजपा और आज की भाजपा में बहुत फर्क है। भाजपा में तब जुमलेबाजी नहीं थी और अटल बिहारी वाजपेयी तथा लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता भाजपा में थे। भाजपा में आज भ्रष्टाचार के खिलाफ सिर्फ बातें ही की जाती हैं लेकिन उनको अमल नहीं लाया जाता।
एक सवाल पर आजाद ने कहा कि दरभंगा उनका संसदीय क्षेत्र है लेकिन पार्टी जहां से उन्हें चुनाव लड़ाना चाहेगी वह लड़ने को तैयार हैं। भाजपा से टिकट काटे जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनसे संपर्क किया गया था और यदि टिकट कटने की बात होती तो उनसे पूछा क्यों जाता। उन्होंने कहा कि वह उनका संबंध एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से है और वह भाजपा में अब घुटन महसूस कर रहे थे इसलिए इस माहौल में वहां रहना उनके लिए संभव नहीं था।
आजाद 16वीं लोकसभा के सदस्य हैं और पिछला चुनाव उन्होंने भाजपा के टिकट से जीता था लेकिन पार्टी नेतृत्व से उनकी लम्बे समय से अनबन चल रही थी तथा पार्टी में काफी समय से अलग-थलग थे और भाजपा के साथ सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हो रहे थे। काफी समय से उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकले थीं और अंतत: 15 फरवरी को उन्हें पार्टी में शामिल होना था लेकिन पुलवामा घटना के कारण वह आज पार्टी में शामिल हुए।
कांग्रेस के बिहार के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने उम्मीद जताई कि आजाद के आने से पार्टी मजूबत होगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा कि वह आजाद को बचपन से जानते हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनके कांग्रेस परिवार में शामिल होने से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी। इस मौके पर बिहार के कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा तथा वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह कई नेता मौजूद थे।