अहमदाबाद। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता केशुभाई पटेल का आज यहां निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार कुछ समय पूर्व कोरोना संक्रमित पाए गए पटेल को पहले अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी पर आज फिर सांस लेने में तकलीफ़ के चलते उन्हें उनके गांधीनगर स्थित आवास से लाकर यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप भी था। आज शाम उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ गांधीनगर में किया गया। राजनीति में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वरिष्ठ थे और उन्हें उनके राजनीतिक गुरुओं में से एक भी माना जाता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के राज्यपाल और उनकी सरकार में मंत्री रहे वजुभाई वाला और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल तथा कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश प्रमुख हार्दिक पटेल समेत कई गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। राज्य सरकार एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
गुजरात में लेउवा पटेल समुदाय के क़द्दावर नेता पटेल का जन्म 24 जुलाई 1928 को जूनागढ़ ज़िले के विसावदर में हुआ था। दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे पटेल वर्ष 1995 में पहली बार इस पद पर आसीन हुए थे। आठ माह बाद भाजपा के ही शंकरसिंह वाघेला की बग़ावत के चलते उनकी सरकार गिर गई थी।
बाद में वह 1998 में फिर से मुख्यमंत्री बने पर 2001 में ख़राब स्वास्थ्य के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े थे। वह 2002 में राज्यसभा के लिए भी चुने गए थे।
2012 में उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ एक नए दल गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया था जिसका 2014 में भाजपा में विलय हो गया था। पटेल ने तभी सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।
मृत्यु से पूर्व तक सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे पटेल की पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। उनकी कुल छह संतानों (पांच पुत्र और एक पुत्री) में से दो पुत्रों का भी निधन हो चुका है।