चेन्नई। ग्रेटर चेन्नई सिटी पुलिस की एक विशेष टीम ने 2016 और 2018 में अपनी महिला सहयोगी पर यौन उत्पीड़न के आरोप में आईआईटी मद्रास में पश्चिम बंगाल के पूर्व शोधकर्ता किंग्सुक देवशर्मा को गिरफ्तार किया है।
मुख्य आरोपी को रविवार रात डायमंड हार्बर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा कि ट्रांजिट वारंट हासिल करने के लिए उसे आज एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए चेन्नई लाया जाएगा।
किंग्शुक देवशर्मा मामले के आठ आरोपियों में से एक था। अन्य आरोपियों में सुबोधीप बनर्जी, मलय कृष्ण महतो, रवींद्रन, एडमाना प्रसाद, नारायण पात्रा, सौरव दत्ता और अयान भट्टाचार्य के नाम शामिल हैं।
अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि 2016 में संस्थान में शामिल होने के बाद से उसके सहयोगी किंग्शुक देवशर्मा द्वारा उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया गया, जबकि अन्य ने भी उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया। उसने यह भी कहा है कि 2018 में कूर्ग में उसका यौन शोषण किया गया था। आरोपियों ने प्रयोगशाला में उसके कपड़े उतारे और वीडियो बनाई।
उल्लेखनीय है कि पीड़ित महिला की पिछली शिकायत में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बाद पीड़िता ने हाल ही में मायलापुर अखिल महिला पुलिस स्टेशन में एक नई शिकायत दर्ज कर आरोपी के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम की रोकथाम के तहत मामले दर्ज करने की मांग की।
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन्स एसोसिएशन ने हाल ही में मामले की सीबी-सीआईडी जांच की मांग की थी, जिसमें शहर की ओर से आरोपियों को गिरफ्तार करने में देरी और मामला दर्ज करने में विसंगतियों का हवाला दिया गया था।