नई दिल्ली। दिल्ली के दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी राकेश शुक्ला का शनिवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे।
अपने समय के बेहतरीन लेग स्पिनर माने जाने वाले शुक्ला ने भारत की तरफ से एक टेस्ट खेला था और प्रथम श्रेणी करियर में उन्होंने 121 मैच खेले थे। शुक्ला ने हालांकि भारत की तरफ से एक ही टेस्ट खेला लेकिन उन्हें इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में खेलने का अपार अनुभव था।
शुक्ला ने क्रिकेट से संन्यास के बाद दिल्ली क्रिकेट की कोच, मैनेजर और चयनकर्ता के रुप में सेवा की थी।
राकेश चंद्र शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में चार फरवरी 1948 को हुआ था। वह अपने करियर में भारत, बंगाल और दिल्ली की तरफ से खेले थे। उन्होंने अपना एकमात्र टेस्ट चेन्नई में श्रीलंका के खिलाफ सितंबर 1982 में खेला था।
दिल्ली क्रिकेट के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले शुक्ला ने इस एकमात्र टेस्ट में कुल 152 रन देकर दो विकेट हासिल किए थे। उन्होंने 121 प्रथम श्रेणी मैचों में 3798 रन बनाने के अलावा 295 विकेट हासिल किए थे। उनका प्रथम श्रेणी करियर 1969 से लेकर 1986 तक चला था। उन्होंने 23 लिस्ट ए मैचों में 14 विकेट हासिल किए थे।
रणजी ट्राफी में उनका काफी शानदार रिकॉर्ड था और उन्हें एक बेहतरीन ऑलराउंडर माना जाता था। लेकिन इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें भारत की तरफ से एक से ज्यादा मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया।
उनके करियर का सबसे यादगार क्षण उस समय आया था जब 1981-82 में कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्राफी के फाइनल में उन्होंने राजेश पीटर के साथ नौंवें विकेट के लिए 118 रन की अविजित साझेदारी की थी और दिल्ली को कर्नाटक के 705 रन के विशाल स्कोर के खिलाफ शानदार खिताबी जीत दिलाई थी।