राजसमंद। राजस्थान के मेवाड़ अंचल में राजसमंद संसदीय सीट पर जयपुर पूर्व राजघराने की राजकुमारी तथा पूर्व विधायक दीया कुमारी के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में उतर जाने से मुकाबला रोचक हो गया है।
भाजपा ने काफी कशमकश के बाद दिया कुमारी को राजसमंद से उम्मीदवार बनाया है जहां पर उनका मुकाबला कांग्रेस के जिलाध्यक्ष एवं कांग्रेस प्रत्याशी देवकीनंद गुर्जर से है। उन्होंने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में सवाईमाधोपुर से किरोड़ीलाल मीणा को साढे सात हजार मतों से हराया था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वह टिकट से वंचित रह गई लेकिन पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में राजसमंद से नये क्षेत्र में अपना प्रत्याशी बनाया है जहां खुद को साबित करना होगा।
राजसमंद के सांसद हरिओम सिंह राठौड ने खराब स्वास्थ्य के कारण इस बार पार्टी से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद भाजपा में इस सीट पर टिकट देने के लिये काफी मंथन चला और इसमें दीया कुमारी को सफलता मिली। राजसमंद लोकसभा सीट का गठन वर्ष 2008 के परिसीमन में हुआ।
राजसमंद संसदीय सीट पर अब तक हुए दो लोकसभा चुनाव में वर्ष 2009 में कांग्रेस के गोपाल सिंह ईडवा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता रासा सिंह रावत को हराया और वर्ष 2014 के चुनावों में भाजपा के हरिओम सिंह राठौड ने ईडवा को लगभग ढाई लाख मतों से हराया।
चार जिलों में फैली राजसमंद लोकसभा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें राजसमंद, नाथद्वारा, कुंभलगढ़ एवं भीम विधानसभा सीट राजसमंद जिले की है वहीं मेड़ता एवं डेगाना विधानसभा नागौर जिले में पड़ते है।
इसके अलावा ब्यावर विधानसभा क्षेत्र अजमेर जिले में आता है वहीं पाली जिले का जैतारण विधानसभा भी इसी क्षेत्र में है। इनमें चार सीटों पर भाजपा के विधायक है जबकि तीन पर कांग्रेस के और एक पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का कब्जा है।
राजसमंद संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता राजपूत हैं, इसके बाद दूसरे नंबर पर रावत समाज के मतदाता हैं जो यहां का सांसद चुनने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।