तिरुवनंतपुरम। पूर्व विधायक एवं केरल जनपक्षम (सेक्युलर) के नेता पीसी जॉर्ज को मुस्लिम व्यापारियों के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में अदालत ने रविवार को सशर्त जमानत दे दी।
जॉर्ज को आज वंचियूर अदालत की मजिस्ट्रेट आशा कोशी के आवास पर पेश किया गया, जहां उन्हें सशर्त जमानत दी गई। अदालत ने पुलिस की 14 दिनों की हिरासत की मांग को खारिज करते हुए, जॉर्ज की जमानत मंजूर कर ली और अदालत ने उनसे कहा कि भविष्य में इस तरह के अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करें और गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया।
पूर्व विधायक ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी जमानत इस शर्त पर मंजूर की गई है कि वह कोई विवादास्पद टिप्पणी नहीं करेंगे या जांच को प्रभावित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी ऐसे धर्म या कट्टरपंथी समूह के समर्थन या वोट की जरूरत नहीं है, जिन्हें देश प्यारा नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी कट्टर मुस्लिम समूहों को रमजान का तोहफा था। जॉर्ज ने कहा कि उनकी टप्पणी एमए यूसुफ अली जैसे व्यापारियों के खिलाफ नहीं थी, बल्कि कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों से प्रभावित छोटे व्यापारियों के खिलाफ थी। वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं। पुलिस ने इस मामले में पूर्व विधायक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 153 ए और 295 ए धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी।
गौरतलब है कि जॉर्ज ने शुक्रवार को यहां अनंतपुरी हिंदू महासम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मुस्लिमों द्वारा संचालित रेस्तरां और चाय की दुकानें अपनी आबादी बढ़ाकर देश पर कब्जा करने की अपनी रणनीति के तहत लोगों के एक वर्ग को ‘बांझ’ बनाने के लिए बांझपन की दवाओं से युक्त चाय बेच रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि खाने-पीने की चीजें थूक कर परोसी जा रही हैं। हम उनका थूक क्यों खाएं? उनके विद्वानों के लिए यह खुशबू है। उन्होंने हिंदू और ईसाई समुदायों से अपनी आबादी बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि हिंदू और ईसाई महिलाएं अधिक बच्चों को जन्म नहीं देना चाहती। उनके इस बयान के कारण राज्य में बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है।