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घरेलू क्रिकेट ने एक दिग्गज खो दिया: गांगुली - Sabguru News
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घरेलू क्रिकेट ने एक दिग्गज खो दिया: गांगुली

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घरेलू क्रिकेट ने एक दिग्गज खो दिया: गांगुली
Former left arm spinner Rajinder Goyal dies
Former left arm spinner Rajinder Goyal dies
Former left arm spinner Rajinder Goyal dies

नई दिल्ली। पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर राजिंदर गोयल के निधन पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा है कि भारत ने घरेलू क्रिकेट का एक दिग्गज खो दिया है।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 750 विकेट लेने वाले पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर राजिंदर गोयल का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण रविवार को रोहतक में अपने निवास पर निधन हो गया था।वह 77 वर्ष के थे।

गांगुली ने सोमवार को शोक प्रकट करते हुए कहा, भारत ने घरेलू क्रिकेट का एक दिग्गज खो दिया। राजिंदर गोयल के असाधारण रिकॉर्ड उनकी कला और उस पर उनके नियंत्रण को दर्शाते हैं। वह अपने करियर में 25 वर्षों से अधिक खेले और निरंतर शानदार प्रदर्शन करते रहे।

उन्होंने कहा, 750 विकेट लेने के लिए वर्षों कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और उनके इस शानदार प्रयास के लिए मैं उन्हें सलाम करता हूं। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा, राजिंदर गोयल भारतीय क्रिकेट के सच्चे सेवक थे। वह देश के वर्तमान और कई आने वाले स्पिनरों के आदर्श थे। उनका लम्बे समय तक खेलना और अपने प्रदर्शन के उच्च स्तर को बनाये रखना आने वाले क्रिकेटरों को मैदान में अच्छा करने और हर बार बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगा। बीसीसीआई ने उन्हें वर्ष 2017 में कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा, राजिंदर गोयल जी एक दिग्गज थे। वह अपने संन्यास के बाद भी खेल से जुड़े रहे और अक्सर छोटे बच्चों को खेलते देख हमेशा उनका मार्गदर्शन किया। वह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणबीर सिंह महेंद्रा , पूर्व भारतीय स्पिनर और कप्तान बिशन सिंह बेदी तथा मौजूदा भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भी गोयल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। गोयल देश के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के स्पिनरों में शुमार थे लेकिन वह ऐसे समय क्रिकेट खेल रहे थे जब भारतीय टीम में बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी का सिक्का चलता था।

बेदी के भारतीय टीम में रहने के कारण ही गोयल कभी भारत की तरफ से नहीं खेल पाए। बेदी ने ही गोयल को बीसीसीआई पुरस्कार समारोह में सीके नायुडू जीवनपर्यंत उपलब्धि सम्मान प्रदान किया था।

हरियाणा के नरवाना में 20 सितम्बर 1942 को जन्मे गोयल अपने प्रथम श्रेणी करियर में पटियाला, हरियाणा, दक्षिणी पंजाब, दिल्ली तथा उत्तर क्षेत्र की तरफ से खेले और उन्होंने 157 मैचों में 18.58 के औसत से 750 विकेट लिए। गोयल ने पारी में पांच विकेट 59 बार और मैच में 10 विकेट 18 बार लिए। उनके नाम रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक 637 विकेट लेने का रिकॉर्ड है।

वह 44 साल तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेले। उन्होंने प्रथम श्रेणी में अपना पदार्पण पटियाला की तरफ से खेलते हुए 23 दिसम्बर 1958 को सर्विसेस के खिलाफ किया था। उनका आखिरी प्रथम श्रेणी मैच हरियाणा की तरफ से खेलते हुए नौ मार्च 1985 को बॉम्बे के खिलाफ था।

गोयल एक खिलाड़ी के तौर पर तो रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाए लेकिन वह 1991 में हरियाणा चयन समिति के अध्यक्ष थे जब कपिल देव की अगुवाई वाली हरियाणा टीम ने बॉम्बे को वानखेड़े स्टेडियम में हराकर रणजी खिताब जीता था। खेल से हटने के बाद गोयल ने पुरुष और महिला क्रिकेट में मैच रेफरी की भूमिका निभायी थी।