मुंबई। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता एकनाथ खडसे शुक्रवार को अन्य नेताओं के साथ आधिकारिक रूप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की उपस्थिति में शामिल हो गए। खडसे अपनी पुत्री रोहिणी खडसे-खेवालकर और 72 अन्य लोगों के साथ मुंबई स्थित राकांपा के मुख्य कार्यालय में पवार के समक्ष पार्टी में शामिल हुए।
राकांपा में शामिल होने के बाद खडसे संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं से पूछा था कि पार्टी में उनका क्या स्थान है तब उन्हें कहा गया कि भाजपा में उनका कोई भविष्य नहीं है वह राकांपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा को छोड़ दिया और मेरे समर्थक चाहते थे कि मैं राकांपा में शामिल हो जाऊं।
खड्से ने कहा कि मेरे खिलाफ छेड़छाड़ का अपराध दर्ज किया गया था। दो बार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मेरे खिलाफ यह जांच की कि मेरे पास कितने भूखंड हैं। मैं उन्हें दिखाऊंगा कि वे कितने भूखंड खरीदे हैं। मैं उन लोगों के खिलाफ जांच की मांग करूंगा।
पवार ने राकांपा में खडसे के शामिल होने के बाद कहा कि खडसे के शामिल होने से पार्टी को क्षेत्र में और ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि युवा लोग पार्टी में शामिल होना चाहते हैं और पार्टी को उत्तर महाराष्ट्र में बढ़ाने की जरूरत है। खड़से के शामिल होने से जलगांव जिला में राकांपा का प्रभाव बढ़ेगा।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने इतने वरिष्ठ नेता की कद्र नहीं की और उन पर इल्जाम लगाए गए। उन्होंने कहा कि भाजपा को अब महसूस होगा कि टाइगर (खडसे) जिंदा है। तथा पिक्चर अभी बाकी है। खड्से के आने से राकांपा को और अधिक मजबूती मिलेगी।
खड्से ने अपना राजनीतिक जीवन 1970 में शुरू किया था। उनको वर्ष 1987 में कोथाली गांव का सरपंच चुना गया और उसके बाद वह 1989 से 2019 के बीच छह बार अपने गृह नगर मुक्तिनगर से विधायक चुने गए।
वर्ष 1995-1999 में शिव सेना -भाजपा सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। उसके बाद वह पार्टी की ओर से विपक्ष के नेता रहे लेकिन जब वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तब देवेन्द्र फडनवीस को मुख्यमंत्री बना दिया गया। बाद में उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और उन्हें वर्ष 2016 में मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा। उसके बाद से अब तक खडसे भाजपा के राजनीतिक हासिए में थे।