पटना । लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से नाराज बिहार की पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता रेणु कुशवाहा ने आज पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
पूर्व सांसद कुशवाहा ने पूर्व विधायक पूनम देवी और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार रहे विजय कुमार सिंह की मौजूदगी में यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी से इस्तीफा दिए जाने की घोषणा की। उनके साथ ही वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह कुशवाहा और उनके समर्थकों ने भी पार्टी से नाराजगी जताते हुए इस्तीफा देने का ऐलान किया।
पूर्व मंत्री ने कहा कि आज से ठीक पांच वर्ष पहले बिहार सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के नारे से विशेष रूप से प्रभावित होकर जनता दल यूनाइटेड जदयू) एवं मंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा में अपने समर्थकों के साथ शामिल हुई थी। लेकिन, इन पांच वर्षों में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया है एवं रही सही कसर इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में पूरी कर दी है।
पूर्व सांसद ने कहा कि राज्य की बड़ी आबादी अल्पसंख्यक एवं कुशवाहा समाज की है लेकिन इन दोनों समुदायों को इस बार के लोकसभा चुनाव में टिकट से वंचित करके भाजपा सबका विकास कैसे करना चाहती है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह बात सच है कि भाजपा सबका साथ तो लेती है लेकिन विकास किसी खास का ही करती है। भाजपा के इस व्यवहार से आहत कुशवाहा समाज काफी खिन्न और मर्माहत है। इस असहज परिस्थिति में भाजपा में राजनीति नहीं हो सकती है और इसी से अपने साथियों एवं समर्थकों के साथ आज भाजपा से अलग होने का निर्णय लिया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि किसी भी पार्टी में निष्ठावान सांगठनिक कार्यकर्ताओं के भविष्य के बारे में नेताओं को कोई चिंता नहीं है। रुपये-पैसे की बदौलत टिकट वितरित किया जा रहा है। सभी पार्टियों ने राजनीतिक लोकतंत्र का मखौल उड़ाया है था आम जनता एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ भद्दा मजाक किया है।
कुशवाहा ने कहा कि अब ऐसे में नई तरह की राजनीति की जरूरत हो गयी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी दलों के स्वाभिमानी राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं हाशिये पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर राजनीति की दिशा तय की जाएगी।