कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने पूर्व मिस यूनिवर्स इंडिया उशोशी सेनगुप्ता के साथ हुई बदसलूकी मामले तथा ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में चारू मार्केट थाना के उप निरीक्षक (दारोगा) पीयूष पाल को निलंबित कर दिया है तथा दो अन्य पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बताया जाता है कि 30 वर्षीय मॉडल उशोशी गत 18 जून को अपने उपर हुए उत्पीड़न की शिकायत को लेकर इन पुलिस अधिकारियों के पास गई थीं लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। उस दिन रवींद्र सदन के निकट मैदान थाना से सटे एक्साइड मोड़ के पास मोटरसाइकिल सवार गिरोह ने उशाेशी के साथ अभद्र व्यवहार किया तथा वह जिस कैब में सवार थी उसके चालक पर भी हमला किया।
इस मामले को लेकर पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) मिराज खालिद के नेतृत्व में जांच कमेटी गठन की गयी थी जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद श्री पाल को निलंबित कर दिया गया जबकि मैदान थाना के दारोगा पार्थ चटर्जी और भवानीपुर थाना के दारोगा मेनन मजूमदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
दरअसल जब उशोशी अपने साथ हुई बदसलूकी मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने 20 मिनट के अंतर पर इन तीनों थानों में गई तो किसी थाने में उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई जिससे उन्हें ना केवल निराशा का बल्कि बेबसी का भी सामना करना पड़ा। जब उन्होंने अपनी व्यथा को सोशल मीडिया पर व्यक्त किया तो पुलिस की भूमिका की कड़ी आलोचना हुई और लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय को जांच का आदेश देना पड़ा।
उशोशी 18 जून की रात को अपनी सहायक के साथ कार्यस्थल ईएम बाइपास से चारू मार्केट स्थित अपने घर ऐप कैब के जरिये लौट रही थीं तो तभी रास्ते में यह घटना हुई थी। उन्होंने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर पुलिसकर्मियों से कैब ड्राइवर को बचाने का अनुरोध किया था।
उशोशी ने कहा कि उनके साथ किसी प्रकार का उत्पीड़न नहीं किया गया लेकिन उन्हें आशंका थी कि मोटरसाइकिल सवार युवकों का गिरोह कहीं ड्राइवर की जान नहीं ले ले। ड्राइवर तारक देचनाथ ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी भी थाना ने यह कहकर मामला नहीं दर्ज किया कि घटनास्थल उनके इलाके में नहीं आता है। इस मामले में सात आराेपियों को गिरफ्तार किया गया है जो 21 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिए गए हैं।