नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ‘को-लोकेशन’ कथित घोटाले के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने (एक्सचेंज की) पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ चित्रा रामकृष्णा की अग्रिम जमानत शनिवार को खारिज कर दी।
विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई और आरोपी पूर्व अधिकारी सुश्री रामकृष्णा का पक्ष जाने के बाद अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के निशाने पर पहले से रहीं आरोपी रामकृष्णा से संबंधित मुंबई और चेन्नई के कई ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही छापेमारी की थी। सीबीआई ने भी उनसे कथित घोटाले के मामले में पूछताछ की थी।
इससे पहले सीबीआई ने एनएसई के पूर्व समूह परिचालन अधिकारी तथा रामकृष्णा के तत्कालीन मुख्य रणनीतिक सलाहकार रहे आनंद सुब्रमण्यम को कई दिनों की पूछताछ के बाद 24 फरवरी की देर रात चेन्नई में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद अगले दिन 25 फरवरी को वर्चुअल माध्यम से उसे दिल्ली की सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने उसे 6 जुलाई तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया था।
सीबीआई ने सुब्रमण्यम से चेन्नई में कई दिनों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। आरोप है कि एनएसई में ‘को-लोकेशन’ यानी कुछ ब्रोकरों को कथित तौर पर सर्वर ऐसी जगहों पर लगाने की सहूलियत दी गई थी, जहां से उनके कंप्यूटर को एनएसई के आनलाइन कारोबार की सूचना सेकेंड के कुछ हिस्से पहले पहुंच जाती थी।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का आरोप है कि तय कायदे-कानून को ताक पर रखकर सुब्रमण्यम को एनएसई समूह का परिचालन अधिकारी तथा एक्सचेंज की सीईओ चित्रा रामकृष्णा का मुख्य रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। एनएसई की पूर्व अधिकारी रामकृष्णा और अन्य पर सुब्रमण्यम की नियुक्ति में भी अनियमितताओं के आरोप हैं।