भुवनेश्वर। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग और उनके पुत्र शिशिर गमांग ने बुधवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि वे लोगों के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में असमर्थ थे। गिरिधर और उनके बेटे ने भाजपा को दो अलग-अलग इस्तीफा का पत्र भेजा और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से इन्हें स्वीकार करने का अनुरोध किया।
नौ बार के लोकसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं 2015 में बिना किसी पूर्व शर्त के अपनी मर्जी से भाजपा में शामिल हुआ था। मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह का आभारी हूं कि उन्होंने 1999 में मेरे मतदान के लिए संसद में स्पष्टीकरण दिया था।
गोमांग ने लिखा कि हालांकि, मैंने महसूस किया कि मैं पिछले कई वर्षों से ओडिशा के लोगों के प्रति अपने राजनीतिक, सामाजिक और नैतिक कर्तव्य का निर्वहन करने में असमर्थ रहा हूं और इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
शिशिर ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि मैं 2015 में मुख्यतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व और दृष्टिकोण के कारण भाजपा में शामिल हुआ था। हालांकि, मैंने महसूस किया कि मैं पिछले कई वर्षों से अपने आदिवासी समुदाय और युवाओं के कल्याण के लिए बहुत कुछ नहीं कर पा रहा हूं और इसलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूं।
सूत्रों के अनुसार पिता-पुत्र की जोड़ी ने इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि उन्हें पार्टी में जानबूझकर दरकिनार कर दिया गया था और भाजपा के बेहतर कामकाज के लिए उनके विचारों को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा था।
गौरतलब है कि गिरिधर गोमांग और उनके बेटे ने हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात की थी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि वे तेलंगाना के मुख्यमंत्री द्वारा गठित पार्टी भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) में शामिल हो सकते हैं।