कराची। पाकिस्तान के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक और पूर्व कप्तान अजहर अली ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही श्रृंखला के तीसरे और अंतिम मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है।
अजहर ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि शीर्ष स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिये सम्मानजनक रहा है। संन्यास का फैसला करना हमेशा ही कठिन होता है लेकिन गहराई से विचार करने के बाद मैंने महसूस किया कि यह मेरे लिये टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का सही समय है।
अजहर ने अभी तक 96 टेस्ट में 42.49 के औसत से 7097 रन बनाए हैं। 12 साल के लम्बे करियर में उन्होंने 19 शतक और 35 अर्धशतक लगाए हैं जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर वेस्टइंडीज के खिलाफ दिन-रात्रि मैच में नाबाद 302 रन था। उनके नाम आठ विकेट भी हैं। उन्होंने लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 में क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में पदार्पण किया था।
कराची में इंग्लैंड के खिलाफ उन्हे अपने टेस्ट रनों में इजाफा करने और अपने टेस्ट करियर को उच्च स्तर पर समाप्त करने का एक और मौका मिलेगा। उन्होंने 2016 और 2020 के बीच नौ मौकों पर टीम की कप्तानी भी की। इसके अलावा वह पाकिस्तान के लिये 53 वनडे और 49 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने क्रमश: 1895 और 985 रन बनाए हैं।
अजहर ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जिनका मैं इस कठिन सफर में साथ देने के लिए आभारी हूं। मैं अपने परिवार का विशेष उल्लेख करना चाहता हूं जिनके त्याग के बिना मैं आज जहां हूं, वहां नहीं होता। मेरे माता-पिता, पत्नी, भाई-बहन और बच्चे हमेशा से मेरी ताकत रहे हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज राजा ने अजहर को बधाई देते हुए कहा कि अजहर अली पाकिस्तान क्रिकेट के सबसे प्रतिबद्ध खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उनका धैर्य और दृढ़ संकल्प कई युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा रहा है और वह आने वाले क्रिकेटरों के लिए एक आदर्श हैं।