मुंबई। मुंबई दमकल विभाग की जांच रपट के बाद तेजी से जांच में जुटी पुलिस ने शनिवार को डीजीपी स्तर के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी के बेटे और मोजो बिस्ट्रो के सह मालिक युग के पाठक को गिरफ्तार किया है। मोजो बिस्ट्रो में 29 दिसंबर को लगी आग में 14 लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस उपायुक्त सचिन पाटील ने कहा कि उन पर आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया है। धारा 304 के तहत उनके ऊपर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।उन्होंने कहा कि इस मामले में यह अब तक तीसरी और पहली बड़ी गिरफ्तारी है।
आईपीएस अधिकारी केके पाठक के बेटे युग से पिछले सप्ताह अग्निकांड के मामले, जिसमें 55 लोग घायल हुए थे, की जांच के हिस्से के रूप में पूछताछ की गई थी। केके पाठक कई महत्वपूर्ण पदों के अलावा पुणे और नागपुर के पुलिस आयुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पुलिस ने कहा कि युग पाठक के अलावा पुलिस ने नागपुर के एक व्यवसायी युग आर तुली के खिलाफ मामला दर्ज कर सम्मन जारी किया है। तुली द मोजो बिस्ट्रो के साझेदारों में से एक है। उनसे इस मामले में पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया गया है।
पुलिस ने 30 दिसंबर को कम से कम दो पब -द मोजो बिस्ट्रो और 1एबव- पर तीन प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके अलावा लोअर परेल स्थित कमला मिल परिसर के मालिक रमेश गोवानी के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मुंबई फायर ब्रिगेड की जांच के बाद पुलिस कार्रवाई की शुरुआत हुई है। जिसमें मोजो बिस्ट्रो में आग लगने के बाद यह त्रासदी आसपास के 1एबव और अन्य पब तक फैल गई थी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) देवेन भारती ने आज मीडिया को बताया, “चूंकि उन्होंने (एमएफबी) मोजो की आग से शुरुआत की है, इसलिए हमने संबंधित लोगों के नाम आरोपी के रूप में शामिल किए हैं।
मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को 1एबव के फरार मालिकों और साझेदारों पर इनाम की घोषणा की थी। फरार लोगों में कृपेश संघवी, जिगर संघवी और अभिजीत मंकर शामिल हैं।
पुलिस ने पिछले सोमवार (एक जनवरी) को इस मामले में 1एबव पब के दो प्रबंधकों केविन बावा और गिबसन लोपेज को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने नौ जनवरी तक दोनों को रिमांड पर लिया हुआ है।
इससे पहले 31 दिसंबर को फरार संघवी के दो रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने चाचा राकेश संघवी और चचेरे भाई आदित्य संघवी को 1एबव के सहमालिकों को आश्रय देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कृपेश संघवी, जिगर संघवी के खिलाफ पुलिस ने इनाम की भी घोषणा की थी।
चाचा-चचेरे भाई (राकेश संघवी और आदित्य संघवी) को भोईवाड़ा अदालत में पेश किया गया था, जहां से दोनों को 25 हजार रुपए की जमानत पर रिहा कर दिया गया। वहीं पुलिस अन्य रिश्तेदारों से भी पूछताछ में जुटी है।