जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुर्जर आंदोलन पर दिये बयान को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार को आंदोलन का शीघ्र समाधान निकालना चाहिए।
डॉ चतुर्वेदी ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि गुर्जर आरक्षण को लेकर रेलवे ट्रेक पर बैठे हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं वहीं आर्थिक नुकसान भी हो रहा तथा अराजकता का माहौल भी बन रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को गुर्जर प्रतिनिधियों से बात कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाना चाहिए।
उन्होंने राज्य सरकार को संवेदनहीन सरकार बताते हुए कहा कि जब गुर्जरों ने अपनी मांग को लेकर पहले ही चेता दिया और आंदोलन करने की तारीख भी बता दी, फिर भी कांग्रेस सरकार ने गुर्जरों से कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में मंत्री स्तर की तीन सदस्यीय एक समिति गठित कर दी जिसमें किसी गुर्जर समाज के मंत्री को शामिल नहीं किया।
चतुर्वेदी ने गुर्जर आरक्षण मामले को राज्य का मामला बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा इसे केन्द्र सरकार का विषय बताकर अपनी जिम्मेदारी से भागने का का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 2008 में राज्य और केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी उस समय कांग्रेस सरकार ने मिलजुलकर इसका समाधान क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणा पत्र में भी गुर्जरों को आरक्षण, किसानों का कर्ज माफ आदि वादे किए थे लेकिन अब किसानों की ऋणमाफी के लिए केन्द्र पैसे दे, गुर्जर आरक्षण को केन्द्र का विषय बताकर राज्य की कांग्रेस सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागना चाह रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का गुर्जर आंदोलन पर दिया बयान गैर जिम्मेदाराना हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय वर्ष 2013 से 2018 तक देवनारायण योजना के तहत गुर्जरों के विकास के लिए कांग्रेस सरकार की तुलना में दुगना खर्च किया हैं।