नैनीताल। उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह सरकार में मंत्री रहे प्रेम प्रकाश सिंह को जमीन हड़पने के फर्जीवाड़े के विभिन्न मामलों में 15 साल की सजा सुनायी गयी है। हालांकि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी, इसलिए अधिकतम सजा पांच साल की होगी।
सिविल न्यायाधीश (सीनियर) ने मामले की सुनवाई के बाद प्रेम सिंह को विभिन्न मामलों में कुल 15 साल की सजा सुनाई है। हालांकि सभी सजाएं दो से पांच साल की हैं और सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए यह अधिकतम पांच साल की होंगी। अन्य को दो से पांच साल की सजा दी गई है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी स्व. राम अवध की पत्नी प्रभाती ने वर्ष 2014 में प्रेम सिंह और उनके दो अन्य सहयोगी नवनाथ तथा प्रेम नारायण के खिलाफ रूद्रपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज कर कहा था कि प्रेम और उनके सहयोगियों ने फर्जी वसीयत के बल पर उनकी जमीन हड़प ली।
दर्ज मामले में खुलासा किया गया था कि राम अवध के नाम से ऊधमसिंह नगर के बागवाला गांव में 32.50 एकड़ जमीन थी। सिंह पर आरोप है कि उन्होंने मां शक्तिपीठ समिति के नाम से फर्जी वसीयत तैयार करके इसमें से 25 एकड़ जमीन हड़प ली।
पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद प्रेम की पत्नी मंजुलता सिंह, पुत्र शिववर्द्धन सिंह, पुत्रवधु निधि सिंह और तत्कालीन सरकारी वकील एसबी सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह और पुत्रवधु शिखा सिंह को भी इस मामले में आरोपी बनाया। गौरतलब है कि सिंह मुलायम सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं और वह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की बरहज सीट से विधायक चुने गए थे।