कोटा। मैने सुना है यहां देश का भविष्य तैयार होता है, यही सोचकर इस संगठन की नींव इस शिक्षा नगरी कोटा में डाल रहे हैं ताकि शिक्षा क्षेत्र में इबारत लिखने वाला कोटा जैन पत्रकारिता जगत की एक विशाल इमारत तैयार करेगा।
जैन पत्रकार महासंघ के गठन के अवसर पर महासंघ अध्यक्ष रमेश तिजारिया ने उद्बोधन देते हुए कहा कि यह कोटा मेरी कर्म भूमि रही है। कोटा व्यापार महासंघ, फोर्टी, सकल जैन समाज सहित आधा दर्जन संस्थाओं का में संस्थापक सदस्य रहा हूं और आज वे सभी संस्थाएं कोटा के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
इन पूर्व परिणामों को देखते हुए ही हम सबने यह तय किया कि राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले इस संगठन जैन पत्रकार महासंघ की स्थापना भी ऐसी उर्वरा भूमि से ही की जाए जंहा हरियाली की गारंटी है।
झालावाड़ रोड स्थित बघेरवाल मांगलिक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष नरेन्द्र खटोड़, मुख्य अतिथि नरेश वेद, विशिष्ट अतिथि चन्द्रेश हरसौरा, कैलाश (पिड़ावा), महासंघ महामन्त्री उदयभान जैन, विमल मड़िया ने भगवान महावीर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया। प्रमिला जैन ने मंगलाचरण किया।
इसके बाद खुली चर्चा की गई जिसमें अजमेर से पधारे एनके जैन, अलकेश जैन, जयपुर से दिलीप जैन, अनिल जैन, कटनी से संजय जैन, सिरसा हरियाणा से महेंद्र जैन, रामगंजमंडी से अभिषेक लुहाड़िया आदि पत्रकारों ने अपने विचार रखे। जिसमें संगठन की आवश्यकता, उपयोगिता, एवं संविधान के बारे में चर्चा की गई।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए राकेश जैन ‘चपलमन’ ने कहा कि पत्रकार को शब्दों का वैज्ञानिक कहा जाता है वो इसलिए कि किसी भी एक शब्द के यथोचित प्रयोग से वो विस्मय भी पैदा कर सकता है और विस्फोट भी इसलिए इस शब्द वैज्ञानिक का पहला दायित्व विवेक पूर्ण लेखन है।
महासंघ के दायरे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आज पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत विस्तृत हो चुका है शिलाओं पर लेखन से प्रारम्भ हुई पत्रकारिता कागज कलम, कम्प्यूटर से गुजरते हुए आज मोबाइल के विभिन्न प्रारूपों तक पहुंच चुकी है इसलिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया के किसी भी विषय वस्तु से जुड़ा जैन बन्धु इसकी सदस्यता की पात्रता रखता है।
महासंघ के महामन्त्री उदयभान जैन ने बताया कि किसी पत्रकार संस्था के लिए यह इतिहास होगा कि आज अपने गठन के साथ ही लगभग 50 सदस्यों ने इसकी सदस्यता ग्रहण की है जो सभी पत्रकार हैं।
इसी अवसर पर कोटा की ही मंजुला ने बच्चों की शिक्षा के बारे में विचार रखते हुए कहा कि आज हम केवल शिक्षा पर बल दे रहे है पर संस्कारों को गौण करते जा रहे हैं, जबकि शिक्षा से पहले संस्कार आवश्यक है।
इसी अवसर पर अपने उद्बोधन में विमल मड़िया ने कहा कि आज हम फैशनवादी हो गए हैं। शादी विवाह आदि समारोह में दिखावे के नाम पर या अपनी प्रतिष्ठा को ऊंचा उठाने के लिए आधे कपड़े वाली लडकियां बुलाई जाती हैं, लेडी वेटर्स को बुलाया जाता है जिनसे शुद्धता तो खत्म होती ही है खर्च भी दुगना होता है।
सैकड़ों व्यंजन बनाए जाते हैं जिन्हें चख पाना भी किसी मेहमान के बस की बात नहीं। आखिर ऐसा दिखावा क्यों? पत्रकारों को ऐसे विषय मे भी समाज के उस उच्च वर्ग को कचोटना चाहिए।
मुख्य अतिथि नरेश वेद ने अपने विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि इस महासंघ की स्थापना कोटा शहर में हो रही है यह बड़ी खुशी की बात है, पर सभी जैन पत्रकारों को यह भी बात ध्यान देनी होगी कि हमारा उद्देश्य केवल प्रभावना हो।
मंच द्वारा महासंघ की संविधान निर्माण समिति की भी घोषणा की गई जिसमें अध्यक्ष, महामन्त्री सहित कोटा से राकेश जैन ‘चपलमन’, जयपुर से दिलीप जैन सहित अजमेर से अलकेश जैन को शामिल किया गया जो आगामी एक माह में महासंघ के संविधान का निर्माण कर आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेंगे।
इस अवसर पर उदयपुर से आई युवा टीम द्वारा जैन न्यूज़ के नाम से एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया गया, जिसमें सभी साधु संघों के समाचार, जैन भजन, जैन तीर्थ दर्शन की जानकारी उपलब्ध रहेगी।
कार्यक्रम में जनरल मर्चेंट एसोशिएसन के अध्यक्ष राकेश कुमार जैन, सकल जैन समाज समिति के जेके जैन, राजमल पाटोदी, प्रकाश बज, सुरेश चांदवाड़, मनोज जैसवाल, विमल जैन वर्धमान, संजीव अरिहंत सहित, यतीन्द्र बरमुण्डा, केएल जैन ने अपनी उपस्थिति दी। अंत में कार्यक्रम संयोजक राजेश जैन बंटी ने सबका आभार प्रदर्शित किया।