जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भरतपुर जिले के कामां में हैड कांस्टेबल को सात हजार रुपए की रिश्वत लेते रंग हाथों गिरफ्तार किया।
ब्यूरो की दौसा चौकी में पुलिस निरीक्षक विजय सिंह ने बताया कि परिवादी कैलाश ने ब्यूरो की दौसा चौकी में शिकायत की कि उसकी परचुनी की दुकान है जिसमें 1100 रुपये की उधारी को लेकर हुए विवाद बाद दो तीन लोग उसके घर से मोटर साइकिल और 30 हजार रुपए नकद लूटकर ले गए। इसकी शिकायत कामां के जुरहरा थाने में दर्ज कराई तो हैड कांस्टेबल सोहनलाल ने पत्रावली उसके पक्ष में करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की है।
उन्होंने बताया कि 31 जनवरी को सत्यापन कराया गया तो उसमें सोहनलाल के आठ हजार रुपए मांगने की पुष्टि हो गई। इस पर ब्यूरो ने जाल बिछाते हुए सोहनलाल को कैलाश से सात हजार रुपए लेते गिरफ्तार कर लिया। ब्यूरो की कार्रवाई जारी है।
आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक ले रहा था 4000 रूपए रिश्वत
जैसलमेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरूवार शाम को जैसलमेर में आयुर्वेदिक विभाग को उपनिदेशक विष्णुकांत को एक व्यक्ति से चार हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
ब्यूरो के पुलिस उपमहानिरीक्षक विष्णुकांत ने बताया कि मदन लाल माली निवासी गांव देवा ने ब्यूरो कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई की कि आयुर्वेदिक विभाग में उसकी गाड़ी लगी हुई हैं गाड़ी का बिल पारित करने के एवज में आयुर्वेदिक के उप निदेशक रोशन लाल शर्मा चार हजार रूपए की रिश्वत मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस शिकायत की पुष्टि होने पर आयुर्वेदिक विभाग में टेªप की कार्यवाही की योजना बनाई।
ब्यूरो टीम ने आज परिवादी मदनलाल से चार हजार रूपए लेते उपनिदेशक विष्णुकांत को गिरफ्तार किया। आरोपी को कल न्यायालय में पेश किया जायेगा।
जल संसाधन विभाग में संविदाकर्मी सहित दो कर्मचारी दबोचे
श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के पुरानी मंडी घड़साना में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आज शाम जल संसाधन विभाग में एक संविदा कर्मी सहित दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी श्रीगंगानगर इकाई के डीएसपी वेदप्रकाश लखोटिया ने बताया कि परिवादी हेमसिंह के पुत्र कैलाश जाट ने ब्यूरो को शिकायत की कि पुरानी मंडी घड़साना स्थित जल संसाधन विभाग में उसके पिता हेमराज बेलदार के पद पर कार्यरत हैं।
सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद नवीन वेतन श्रृंखला निर्धारित करवाने की एवज में कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जितेंद्र ने उनसे ढाई हजार रुपये ले लिये और वर्ष 2017 से बनते एरियर का बिल बनाकर सहायक अभियंता के हस्ताक्षर करवाने की एवज में वह 1500 रुपये और मांग रहा है।
उन्होंने बताया कि सत्यापन में शिकायत की पुष्टि होने के बाद ब्यूरो के दल ने जाल बिछाते हुए कैलाश को रिश्वत की राशि देकर कार्यालय भेजा जहां जितेंद्र ने उक्त राशि कम्प्यूटर ऑपरेटर को दिलवा दी।
इस पर ब्यूरो के दल ने दबिश देकर उसे दबोंच लिया और राशि बरामद कर ली। एसीबी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों कर्मचारियों को शुक्रवार को श्रीगंगानगर में एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।