सिरसा। हरियाणा में मंत्रियों द्वारा छेड़छाड़ का मामला कोई नई बात नहीं है। राज्य में अब तक चार मंत्री इस तरह के कथित आरोप लगने के बाद अपना मंत्री पद गंवा चुके हैं।
खेल राज्यमंत्री संदीप सिंह पर तीन रोज पहले एक महिला कोच व राष्ट्रीय एथलीट द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ के आरोप के बाद आज उन्हें अपना खेल विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौपना पड़ा और अब संदीप सिंह बिना मंत्रालय के मंत्री हैं।
संदीप सिंह से पहले सिरसा के विधायक एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा भी मंत्री पद से हाथ धो चुके हैं। पूर्व मंत्री गोपाल कांडा पर उन्हीं की एक एयरलाइंस फर्म की कर्मचारी गीतिका शर्मा द्वारा सुसाइड कर लेने के बाद दर्ज मुकदमा झेलना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2012 को गीतिका शर्मा ने एक सुसाइड नोट लिखकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली थी। उस समय गोपाल कांडा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए काफी प्रयास किए आखिरकार उन्हें दिल्ली पुलिस के सुपुर्द होना ही पड़ा।
उसके बाद वह सिरसा से दो बार विधायक तो बने मगर गीतिका शर्मा की मौत का लगा कलंक उन्हें मंत्री की सीट पर नहीं बैठने दे रहा। वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद गोपाल कांडा विशेष विमान से सिरसा से मंत्री बने तो निकले थे मगर मीडिया की नजरों में चढ़ जाने के बाद इन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। बेचारे तभी से पूर्व मंत्री लिखकर अपना काम चला रहे हैं।
इसी तरह चौधरी भजन लाल के मुख्यमंत्रित्व काल में तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं विधायक छत्रपाल सिंह पर गोवा से दिल्ली लौटते वक्त विमान में एयर होस्टेस से छेड़खानी के लगे आरोप के बाद मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था।
इसके बाद चौधरी बंसीलाल के मुख्यमंत्रित्व काल में परिवहन मंत्री रहे पानीपत ग्रामीण से विधायक ओमप्रकाश जैन पर भी कथित तौर पर छेड़छाड़ के आरोप लगे और अखबारों की सुर्खियां बने इसके पश्चात कंबोपुरा गांव के एक सरपंच द्वारा सुसाइड करने का मामला अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो तक जा पहुंचा जिससे ओम प्रकाश जैन को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा।