अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के रामगढ़ कस्बे के बहुचर्चित नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में थाना प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
अलवर के जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने बुधवार को बताया कि रामगढ़ पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक वीरेंद्र कुमार, उप निरीक्षक रामकिशन, सहायक उपनिरीक्षक कमालुद्दीन एवं हेड कांस्टेबल हीरालाल को तुरंत प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है गया।
उल्लेखनीय है कि स्कूल जाने वाली एक छात्रा को एक विशेष समुदाय के युवक परेशान करते थे। बाद में उन्होंने उसका अपहरण करके दुष्कर्म किया था। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर लड़की ने कुएं में कूदकर जान देने की कोशिश की थी जिसे ग्रामीणों ने बचा लिया था यह मामला प्रकाश में आने के बाद रामगढ़ पुलिस ने तीन दिन बाद मुकदमा दर्ज किया था और इस मामले में पुलिस द्वारा पीड़ित पक्ष पर राजीनामे के दबाव बनाया जा रहा था।
29 जून को पीड़िता की बड़ी बहन की शादी थी, उससे चार दिन पहले ही पीड़िता के पिता श्रवण लाल की तड़के हत्या कर दी गई थी। हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए उसका शव पेड़ के लटका दिया था।
इस मामले में शुरू से ही रामगढ़ थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही और एक विशेष समाज के आरोपियों को बचाने में पुलिस जुटी रही। पुलिस ने इस मामले में हत्या आरोपियों को नामजद करते हुए जांच शुरू कर दी है।