भारत। ये कोरोना महामारी पूरे देश भर की है न केंद्र सरकार की है। इसमें सभी आम और खास सभी लोग इस महामारी को भगाने के लिए प्रयास करेंगे तभी यह खतरनाक वायरस हमारे देश से जल्द से जल्द खत्म हो पाएगा। देश के इस संकटकालीन दौर में सभी लोगों को एक साथ मजबूती के साथ खड़े होना होगा। बात कर रहे हैं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथी बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिए कोरोना वायरस को लेकर लंबी चर्चा की। इसमें सभी मुख्यमंत्री चर्चा में शामिल हुए लेकिन केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन शामिल नहीं हुए।
विजयन को यह सोचना चाहिए था कि प्रधानमंत्री की चर्चा पूरे देश हित में है उनके राज्य में भी कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज हैं। यह लड़ाई किसी एक राज्य की नहीं है बल्कि सभी मुख्यमंत्रियों को मिलकर प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में शामिल होकर अपनी राय भी दे सकते हैं। ऐसा नहीं कि सारी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री होती है इस पर सभी सामूहिक लोग इस महामारी को हराने के लिए आगे आएंगे तभी भारत जल्द से जल्द इस वायरस पर काबू पा सकता है।
देश में 3 मई तक लगाए गए लॉकडाउन को लेकर पीएम मोदी ने की चर्चा
यहां हम आपको बता दें कि देशभर में दूसरा लॉकडाउन 3 मई तक लगाया गया है। इसी को लेकर पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से चर्चा की है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के जगनमोहन रेड्डी और तेलंगाना के चंद्रशेखर राव समेत कई राज्यों के सीएम मोदी से जुड़े।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में लॉकडाउन से ही हम कोरोनावायरस को बहुत हद तक नियंत्रण करने में सफल हो पाए हैं। वहीं कुछ मुख्यमंत्रियों ने अपने यहां विकास कार्य और कुछ रुकी हुई परीक्षाओं को लेकर भी पीएम मोदी से दिशा-निर्देश लेना चाह रहे थे।
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने पीएम मोदी की इस बैठक को अहम नहीं माना
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने पीएम मोदी साथ चर्चा में कहा कि यह बैठक हम नहीं थी।उनकी तरफ से राज्य के मुख्य सचिव शामिल हुए। केरल ने लिखित में अपने सुझाव केंद्र को दे दिए थे। कोरोना महामारी पर मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की यह चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है जब जब को लेकर सवाल उठे तो केरल मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से सफाई पेश की गई। बयान में कहा गया कि हमें कहा गया था कि पिछली दो बैठकें काफी अहम हैं, क्योंकि कोरोना को रोकने के लिए विचार करना है।
लेकिन इस बार हमें कहा गया कि नॉर्थ ईस्ट और अन्य राज्यों पर फोकस रहना है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी स्पष्ट कर दिया गया कि इस बैठक में सीएम को हिस्सा नहीं लेना है, इसलिए केरल के चीफ सेक्रेटरी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। यह मोदी के साथ यह बैठक भले ही अहम हो या न हो लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री पी विजयन को पीएम साथ चर्चा में शामिल होना चाहिए था। आपको बता दें कि केरल में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आई है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार