जोधपुर। फ्रांस के फोटोजर्नलिस्ट डिजये गिल्बर्ट बिश्नोई समाज पर शोध व इस समाज के इतिहास की करीबी से जानकारी जुटाने के सिलसिले में भारत आए हुए हैं। सोमवार को उन्होंने खेजड़ली, समराथल, मुकाम, जाम्भा, पीपासर समेत बिश्नोई समाज से जुड़े अनेक तीर्थ स्थलों का दौरा किया।
गिल्बर्ट खेजड़ली पहुंचने पर काफी प्रभावित हुए। उन्हीने कहा कि ये जगह यूनेस्को में शामिल होनी चाहिए। विश्व पटल पर इसकी जानकारी फैले इसकी जरूरत है। विश्नोई समाज द्वारा खेजड़ली के लिए चलाए जा रहे अभियान की सहराना करते हुए उन्होंने कहा कि हम आपके अभियान में शामिल हैं, ये सिर्फ बिश्नोई समाज व् भारत के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।
दुनिया में ऐसा बलिदान इतिहास में देखने या पढने को नहीं मिलता। वर्तमान में बिगड़ते पर्यावरण से पृथ्वी पर जीव जंतुओं के जीवन पर संकट पैदा हो गया है। पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की हमें इनसे सिख लेनी चाहिए। गिल्बर्ट ने एकलखोरी के पर्यावरण प्रेमी राणाराम बिश्नोई व नोखा के वन्य जीव प्रेमी रामकिशन डेलू से उनके पर्यावरण के प्रति किए गए कार्यो के बारे में जानकारी ली।