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चुनावों से पहले मुफ्त सरकारी घोषणाएं रिश्वत-भ्रष्टाचार है-लक्ष्मीकांता चावला
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चुनावों से पहले मुफ्त सरकारी घोषणाएं रिश्वत-भ्रष्टाचार है-लक्ष्मीकांता चावला

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चुनावों से पहले मुफ्त सरकारी घोषणाएं रिश्वत-भ्रष्टाचार है-लक्ष्मीकांता चावला
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला

अमृतसर । पंजाब की पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने गुरुवार को कहा कि चुनावों से पूर्व विभिन्न राजनैतिक दलों तथा सरकारों की ओर से की जानी वाली मुफ्त सुविधाएं प्रदान संबंधी घोषणाएं रिश्वत और भ्रष्टाचार हैं।

केन्द्र सरकार के भ्रष्टाचार रोकने के लिए रिश्वत लेने वाले के साथ ही रिश्वत देने वाले को भी दंड देने का कानून बनाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हुए प्रो.चावला ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह कानून आम जनता के लिए बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी करेगा। जमीनी सच्चाई यह है कि जब आम आदमी पुलिस से या किसी अन्य विभाग के अधिकारियों के पंजे में फंस जाता है तो जब तक वह नोट न दे उसका छुटकारा नहीं होता।

बहुत से लोग रिश्वत देने को जब मजबूर हो जाते हैं तो बाद में वह शिकायत करते हैं। उन्होंने कहा कि अब तो ऐसा हो जाएगा कि वह पुलिस तथा अन्य विभागों के जाल में फंस कर रिश्वत भी देंगे और बोल भी नहीं सकेंगे।

प्रो.चावला ने कहा कि कानून में सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि चुनावों में वोट लेने के लिए विभिन्न दलों के उम्मीदवार लोगों को जो रिश्वत देते हैं, नोट बांटते हैं, शराब पिलाते हैं, मुफ्त साइकिल या कंप्यूटर देने की बात करते हैं, साड़ियां और घी के डिब्बे देते हैं, उनका सरकार क्या करेगी। उन्होंने पूछा कि क्या चुनावों में वोट लेने के लिए नोट देने वाले भी क्या भ्रष्टाचार निरोधक कानून में जेल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पहले सरकार यह घोषणा करे कि जो चुनावों में वोट लेने के लिए किसी भी प्रकार की रिश्वत देता है, उन्हें दंड दिया जाए। इससे तो भ्रष्टाचार काफी मात्रा में रुक जाएगा।

प्रो. चावला ने कहा कि चुनावों के पहले मुफ्त सरकारी घोषणाएं भी तो अच्छी खासी रिश्वत और भ्रष्टाचार हैं। उन्होंने कहा कि जनता रिश्वत देने को मजबूर होती है और सरकारी तंत्र मजबूर करता है। सरकार को आमजन बारे भी सोचना चाहिए।