पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने अपने राजनीतिक वारिस तेजस्वी यादव को टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटड के दो मंजिला गेस्ट हाउस का मालिक बनाने के लिए केवल टाटा समूह का ही नहीं बल्कि सहारा समूह का भी इस्तेमाल एक मुखौटा कम्पनी के माध्यम से किया है।
मोदी ने यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि करोड़ो रुपए के दो मंजिला गेस्ट हाउस के लिए जिस राजेश कुमार ने फेयरग्रो कम्पनी के अधिकृत प्रतिनिधि बनकर 65 लाख का भुगतान किया और बिक्री से संबंधित दस्तावेज पर क्रेता के रूप में हस्ताक्षर किया वह उस कंपनी का न तो निदेशक था न शेयरधारक और न ही कोई कर्मचारी था।
उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि फेयरग्रो कम्पनी ने कभी कोई कर्मचारी ही नियुक्त नहीं किया था। उप मुख्यमंत्री ने सूचना के अधिकार के तहत आयकर विभाग से प्राप्त जांच रिपोर्ट के कुछ अंश मीडिया के सामने उद्धृत करते हुए कहा कि राजेश कुमार सहारा समूह के उप प्रबंध निदेशक जेबी राय के निजी सचिव थे तथा वर्तमान में वह सहारा मीडिया के कॉरपोरेट शाखा में महत्वपूर्ण पद पर हैं।
उन्होंने बताया कि फेयरग्रो के निदेशक बृज सरीन और यश चौधरी ने जांच अधिकारियों से पूछताछ के दौरान बताया कि फेयरग्रो के बैलेंस शीट पर वे राजेश कुमार के कहने पर ही हस्ताक्षर करते थे और इस कम्पनी से राजेश कुमार ने ही परिचय कराया था।
मोदी ने बताया कि जांच में यह भी पाया गया कि राजेश कुमार के ईमेल ईडी पर फेयरग्रो के अनेक निदेशक की नियुक्ति एवं त्यागपत्र के कागज था। इतना ही नहीं राजेश कुमार एमसीए फाइलिंग समेत कम्पनी के दिन-प्रतिदिन के कार्यों का प्रबंधन और नियंत्रण कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान राजेश कुमार ने यह स्वीकार किया कि वह सहारा ग्रुप के उप महाप्रबंधक हरदीप सिंह के निर्देश पर काम करते थे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजेश कुमार ने बिक्री से संबंधित दस्तावेज पर जो पता दिया है वह पूरी तरह से फर्जी है। उस पते पर राजेश कुमार नामक कोई व्यक्ति कभी नहीं रहता था। उन्होंने बताया कि विजय पाल त्रिपाठी जो फेयरग्रो के वर्ष 2008 में निदेशक थे वह राजद के पूर्व सांसद प्रेमचंद्र गुप्ता की कम्पनी डिलाईट माक्रेटिंग के भी वर्ष 2006 में निदेशक थे। इसी तरह गुप्ता के चचेरे भाई अनिल तुलस्यान उनकी अनेक कम्पनियों से जुड़े रहे हैं।
मोदी ने कहा कि गुप्ता और सहारा समूह के लोग दिखावटी शेयरधारकों और दिखावटी निदेशकों के माध्यम से फेयरग्रो कम्पनी चलाते थे तथा लालू परिवार के लिए बेनामी सम्पति का इंतजाम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सहारा समूह का फेयरग्रो से पुराना संबंध रहा है।
फेयरग्रो के 2015-16 के बैलेंस शीट में सहारा मर्चेन्डाइज़ प्राइवेट लिमिटेड को 20 हजार रुपये का शेयर दिखाया गया है । उन्होंने कहा कि बिक्री के दस्तावेज पर हस्ताक्षर के बावजूद आज भी 5, राईडिंग रोड (टिस्को गेस्ट हाउस), टिस्को के नाम से ही रजिस्टर दो में अंकित है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि टिस्को ने अपनी बेसकीमती जमीन एक फर्जी कम्पनी फेयरग्रो जिसका संचालन पहले प्रेम चन्द्र गुप्ता और बाद में सहारा समूह कर रहा था के माध्यम से तेजस्वी यादव और लालू परिवार के अन्य सदस्यों के नाम लिख दी। इस जमीन की खरीद के लिए 65 लाख की व्यवस्था सहारा समूह के द्वारा ही की गई। उन्होंने कहा कि सहारा समूह को भी जवाब देना होगा कि वह इतने दिनों तक क्यों फर्जी कंपनी चला रहा था।